मुल्ला अख्तर मोहम्मद मंसूर (फाइल फोटो)
काबुल:
अफगान तालिबान के मारे जा चुके मुखिया मुल्ला उमर के भाई ने संगठन के नए चुने गए नेता के सामने चुनौती खड़ी कर दी है।
मुल्ला मोहम्मद उमर के भाई मुल्ला अब्दुल मन्नान ने एपी को बताया कि तालिबान के नए नेता मुल्ला अख्तर मोहम्मद मंसूर को उसके अपने समर्थकों के छोटे से गुट ने चुना है। इससे पहले मुल्ला उमर के बेटे याकूब ने भी मंसूर को तालिबान के बड़े हिस्से का समर्थन नहीं होने की बात कही थी।
दोनों ही नए सिरे से चुनाव की मांग कर रहे हैं, जिससे तालिबान के सामने बड़ी उलझन हो सकती है, जो इस बारे में सोच रहा है कि अफगान सरकार के साथ शांति वार्ता शुरू की जाए या करीब 14 साल के आतंकवाद को जारी रखा जाए।
मन्नान ने कहा, मैं अपने भतीजे के साथ हूं। तालिबान ने गुरुवार को मंसूर को अपना नया नेता घोषित किया था और शनिवार को उसकी ओर से एक ऑडियो बयान जारी किया, जिसमें उसने तालिबान में एकता की बात की है। अफगानिस्तान के अधिकारियों के अनुसार मुल्ला उमर की अप्रैल, 2013 में मौत हो चुकी है और तालिबान के लोगों ने उसकी मौत की पुष्टि की है।
मुल्ला मोहम्मद उमर के भाई मुल्ला अब्दुल मन्नान ने एपी को बताया कि तालिबान के नए नेता मुल्ला अख्तर मोहम्मद मंसूर को उसके अपने समर्थकों के छोटे से गुट ने चुना है। इससे पहले मुल्ला उमर के बेटे याकूब ने भी मंसूर को तालिबान के बड़े हिस्से का समर्थन नहीं होने की बात कही थी।
दोनों ही नए सिरे से चुनाव की मांग कर रहे हैं, जिससे तालिबान के सामने बड़ी उलझन हो सकती है, जो इस बारे में सोच रहा है कि अफगान सरकार के साथ शांति वार्ता शुरू की जाए या करीब 14 साल के आतंकवाद को जारी रखा जाए।
मन्नान ने कहा, मैं अपने भतीजे के साथ हूं। तालिबान ने गुरुवार को मंसूर को अपना नया नेता घोषित किया था और शनिवार को उसकी ओर से एक ऑडियो बयान जारी किया, जिसमें उसने तालिबान में एकता की बात की है। अफगानिस्तान के अधिकारियों के अनुसार मुल्ला उमर की अप्रैल, 2013 में मौत हो चुकी है और तालिबान के लोगों ने उसकी मौत की पुष्टि की है।
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