संयुक्त राष्ट्र महासभा सभागार में पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए भारत की ओर से विदेश मंत्रालय की सचिव विदिशा मैत्रा ने कहा, ''इमरान खान का भाषण भड़काऊ और उनकी बोली हर बात झूठ है. उनका भाषण नफरत से भरा था''. मैत्रा ने आगे कहा, ''पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र के मंच का गलत इस्तेमाल किया. पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति बदतर है और उनपर जुल्म हो रहे हैं. 1947 की तुलना में आज कुछ फीसदी भर अल्पसंख्यक बचे हैं. मानवाधिकार की बात करने वाले पाकिस्तान को सबसे पहले पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की हालत देखनी चाहिए जिनकी संख्या 23 प्रतिशत से 3 प्रतिशत पर पहुंच गई है. अंतर्राष्ट्रीय आतंकियों को पाकिस्तान पेंशन देता है. पाक ने खुलेआम लादेन का बचाव किया. उनसे मानवाधिकार पर नसीहत नहीं सुननी.'' विदिशा मैत्रा ने इमरान खान से पाक जमीं पर पल रहे आतंकवादियों का मुद्दा उठाया और सवाल किया, ''क्या इमरान खान पाकिस्तान की जमीन पर पल रहे संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित 130 आतंकवादियों को नकार सकते हैं?'' इसके अलावा विदिशा मैत्रा ने UN में कहा, ''दुनिया को पाकिस्तान में जाकर हालात देखना चाहिए. पाक आतंकवाद पर और हम विकास पर जोर दे रहे हैं. पाकिस्तान को 1971 के नियाजी का नरसंहार नहीं भूलना चाहिए.''
UN में अपने भाषण में परमाणु युद्ध का राग अलापते नजर आए इमरान खान
विदिशा मैत्रा ने कहा, ''UNGA में इमरान का भाषण दुर्भाग्यपूर्ण है और आतंक की फ़ैक्टरी चलाने वाले से नसीहत नहीं चाहिए. UN में सूचीबद्ध 155 आतंकी पाक में मौजूद हैं. पाकिस्तान मानवाधिकार का चैंपियन बनने की कोशिश में लगा हुआ है.'' इतना ही नहीं, उन्होंने कहा, ''वह जो कभी क्रिकेटर थे और जेंटलमैन के खेल पर भरोसा रखते थे. आज उनका भाषण असभ्यता की चरम सीमा तक पहुंच गया है जो कि एकदम दारा आदम खल की बंदूकों की याद दिलाता है.''
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा सभागार के मंच से करीब 50 मिनट तक दिए भाषण में खान ने परमाणु युद्ध का राग अलापते हुए आधा समय कश्मीर और भारत पर बोला. भारत ने इमरान खान के सभी आरोपों का जवाब दिया.
भारत ने इमरान खान के संबोधन के जवाब में अपने राइट टू रिप्लाई का इस्तेमाल किया. पाक के प्रधानमंत्री ने कश्मीर मुद्दे की राग छेड़ते हुए मांग की थी कि भारत को कश्मीर में ‘अमानवीय कर्फ्यू' हटाना चाहिए और सभी बंदियों को रिहा करना चाहिए. इमरान खान का युद्ध राग पीएम मोदी के उसी मंच से कुछ समय पहले दिये गये शांति संदेश के ठीक उलट था. मोदी ने कहा था कि भारत एक देश है जिसने विश्व को ''युद्ध नहीं बुद्ध'' दिए. पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे का उस समय से अंतरराष्ट्रीयकरण करने का प्रयास कर रहा है जब भारत ने पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया था. हालांकि इससे संबंधित अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को समाप्त करने को भारत ने अपना 'आंतरिक मामला' बताया है.
हमने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिया : UNGA में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संदेश
भारत के इस फैसले के बाद पाकिस्तान ने कठोर प्रतिक्रिया दिखाते हुए भारत के साथ अपने राजनयिक संबंधों को कमतर कर दिया और भारतीय उच्चायुक्त को अपने देश से निष्कासित कर दिया. खान ने संरा में अपने संबोधन में भारत के अनुच्छेद 370 हटाने के निर्णय का उल्लेख किया और संचार माध्यमों पर पाबंदी लगाने के लिए भारत सरकार की आलोचना की.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं