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This Article is From Dec 06, 2017

माल्या के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई के दौरान भारतीय जेलों की तुलना रूस की जेलों से 

बचाव पक्ष ने जज एम्म आर्बुथनॉट से कहा कि भारत में जेलों में सुरक्षित हालात पर भारतीय अधिकारियों द्वारा दिए गए आश्वासनों के सही से अनुपालन की कोई प्रणाली नहीं है.

माल्या के प्रत्यर्पण मामले की सुनवाई के दौरान भारतीय जेलों की तुलना रूस की जेलों से 
विजय माल्या.
लंदन: लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में शराब कारोबारी विजय माल्या की प्रत्यर्पण सुनवाई में भारत की जेल प्रणाली की तुलना रूस के जेलों की हालत से हुई. 61 वर्षीय माल्या के बचाव दल ने भारत सरकार की ओर से क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) द्वारा धोखाधड़ी के मामले में तैयार किए गए मामले के जवाब में शुरुआती दलीलों के तहत इस मुद्दे को उठाया.

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बचाव पक्ष ने जज एम्म आर्बुथनॉट से कहा कि भारत में जेलों में सुरक्षित हालात पर भारतीय अधिकारियों द्वारा दिए गए आश्वासनों के सही से अनुपालन की कोई प्रणाली नहीं है. माल्या के बैरिस्टर क्लेयर मोंटगोमेरी ने अदालत में कहा, सरकार (भारत की) अदालत के आदेशों की अवहेलना को दूर करने के उपायों को लेकर असमर्थ और अनिच्छुक रही है. न्यायाधीश ने पूछा कि रूस में जेलों में खराब हालात की तुलना कैसे हो सकती है जहां प्रत्यर्पण के मामले कारावासों के असुरक्षित हालात पर निर्भर करते हैं.

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मोंटगोमरी ने कहा कि रूस के हालात भारत से बहुत बेहतर हैं, क्योंकि वे कम से कम अदालत के आदेशों के उल्लंघन की समीक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को अनुमति देते हैं. न्यायाधीश ने कहा, यह रोचक बात है.

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