प्रतीकात्मक चित्र
न्यूयॉर्क:
भारतीय मूल के एक अमेरिकी डॉक्टर को स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं का शुल्क ज्यादा दिखाकर और ज्यादा वसूलकर संघीय चिकित्सा बीमा कार्यक्रमों को चूना लगाने के लिए 71 महीने की जेल की सजा सुनाई गई और 22 लाख डॉलर का जुर्माना भरने का आदेश दिया गया।
डिस्ट्रीक्ट ऑफ नेवाडा के अमेरिकी अटॉर्नी डेनियल बोगडेन ने कहा कि वर्तमान में बंद नेवाडा इंडोस्कोपी सेंटर के पूर्व मालिक 65 साल के चिकित्सक दीपक देसाई को संघीय कारागार में 71 महीने की कैद, निगरानी के अधीन तीन साल की रिहाई और क्षतिपूर्ति के लिए 22 लाख डॉलर के भुगतान का आदेश दिया गया।
उन्होंने कहा कि देसाई ने अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए जानबूझकर संघीय स्वास्थ्य देखभाल सेवा प्रणाली को चूना लगाया। बोगडेन ने कहा, हमें उम्मीद है कि इसके साथ ही नेवाडा के लोगों और व्यवसायों को नुकसान पहुंचाने के इस लंबे और अनैतिक अध्याय का अंत होगा। देसाई ने अप्रैल में स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी धोखाधड़ी की साजिश से जुड़े दो अपराध कबूल किए थे। पीड़ितों को इससे करीब 22 लाख डॉलर का नुकसान हुआ।
जनवरी, 2005 और फरवरी, 2008 के बीच देसाई ने एनिस्थिसिया देने वाली प्रमाणित पंजीकृत नर्स के मरीजों पर दिए गए समय को बढ़ाकर अपने इंडोस्कोपी सेंटर में मेडीकेयर, मेडीकैड और दूसरी स्वास्थ्य बीमा कंपनियों से ज्यादा पैसे वसूलने की साजिश की। देसाई और उसकी सह-साजिशकर्ता टोन्या रशिंग ने एक अलग कंपनी बनाकर एनेस्थिसिया सेवाओं के लिए बिल बनाने का काम भी किया।
डिस्ट्रीक्ट ऑफ नेवाडा के अमेरिकी अटॉर्नी डेनियल बोगडेन ने कहा कि वर्तमान में बंद नेवाडा इंडोस्कोपी सेंटर के पूर्व मालिक 65 साल के चिकित्सक दीपक देसाई को संघीय कारागार में 71 महीने की कैद, निगरानी के अधीन तीन साल की रिहाई और क्षतिपूर्ति के लिए 22 लाख डॉलर के भुगतान का आदेश दिया गया।
उन्होंने कहा कि देसाई ने अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए जानबूझकर संघीय स्वास्थ्य देखभाल सेवा प्रणाली को चूना लगाया। बोगडेन ने कहा, हमें उम्मीद है कि इसके साथ ही नेवाडा के लोगों और व्यवसायों को नुकसान पहुंचाने के इस लंबे और अनैतिक अध्याय का अंत होगा। देसाई ने अप्रैल में स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी धोखाधड़ी की साजिश से जुड़े दो अपराध कबूल किए थे। पीड़ितों को इससे करीब 22 लाख डॉलर का नुकसान हुआ।
जनवरी, 2005 और फरवरी, 2008 के बीच देसाई ने एनिस्थिसिया देने वाली प्रमाणित पंजीकृत नर्स के मरीजों पर दिए गए समय को बढ़ाकर अपने इंडोस्कोपी सेंटर में मेडीकेयर, मेडीकैड और दूसरी स्वास्थ्य बीमा कंपनियों से ज्यादा पैसे वसूलने की साजिश की। देसाई और उसकी सह-साजिशकर्ता टोन्या रशिंग ने एक अलग कंपनी बनाकर एनेस्थिसिया सेवाओं के लिए बिल बनाने का काम भी किया।
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