नौसेना प्रमुख डीके जोशी ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो चीन से लगी सीमा पर नौसेना को तैनात करेंगे। भारतीय नौसेना ने साफ़ किया है कि अगर ज़रूरत पड़ी तो दक्षिण चीन सागर में अपने तेल ब्लॉक को बचाने के लिए नौसेना तैनात करने में उसे कोई परहेज़ नहीं होगा।
दक्षिण चीन सागर में वियतनाम के समुद्री किनारे पर भारतीय कंपनियां तेल निकाल रही हैं और इसी वजह से भारत और चीन के बीच तनाव है।
नेवी डे से एक दिन पहले नेवी चीफ ने यह भी कहा कि चीन के आने वाले विमानवाहक पोत से देश को घबराने की जरूरत नही है क्योंकि जो चीन काविमान वाहक पोत तैयार हुआ है उस पर से केवल लड़ाकू विमान ने उड़ान भरी है लेकिन दोनों के बीच तालमेल इतना आसान नही है इसमें काफी वक्त लगेगा पर नौसेना को इस बात की चिंता भी है कि देश में बनने वाले विमानवाहक पोत और बाहर से मंगाए विमान वाहक पोत गोर्शकोव आने में पांच साल से ज्यादा देरी हो चुकी है विराट भी अब अपनी उम्र लगभग पूरी कर चुका है वैसे चीनी नौसेना का तेज़ी से आधुनिकीकरण हुआ है और उसका मुक़ाबला करने के लिए भारतीय नौसेना भी अपनी पूर्वी कमांड में ज्यादा से ज्यादा घातक युद्धपोत तैनात कर रही है।
शिवालिक क्लास स्टेल्थ वॉरशिप जलाश्व और परमाणु पनडुब्बी चक्र तो तैनात की जा चुकी है और पनडुब्बी अरिहंत को भी इसी इलाके में तैनात किया जाएगा।
दक्षिण चीन सागर में वियतनाम के समुद्री किनारे पर भारतीय कंपनियां तेल निकाल रही हैं और इसी वजह से भारत और चीन के बीच तनाव है।
नेवी डे से एक दिन पहले नेवी चीफ ने यह भी कहा कि चीन के आने वाले विमानवाहक पोत से देश को घबराने की जरूरत नही है क्योंकि जो चीन काविमान वाहक पोत तैयार हुआ है उस पर से केवल लड़ाकू विमान ने उड़ान भरी है लेकिन दोनों के बीच तालमेल इतना आसान नही है इसमें काफी वक्त लगेगा पर नौसेना को इस बात की चिंता भी है कि देश में बनने वाले विमानवाहक पोत और बाहर से मंगाए विमान वाहक पोत गोर्शकोव आने में पांच साल से ज्यादा देरी हो चुकी है विराट भी अब अपनी उम्र लगभग पूरी कर चुका है वैसे चीनी नौसेना का तेज़ी से आधुनिकीकरण हुआ है और उसका मुक़ाबला करने के लिए भारतीय नौसेना भी अपनी पूर्वी कमांड में ज्यादा से ज्यादा घातक युद्धपोत तैनात कर रही है।
शिवालिक क्लास स्टेल्थ वॉरशिप जलाश्व और परमाणु पनडुब्बी चक्र तो तैनात की जा चुकी है और पनडुब्बी अरिहंत को भी इसी इलाके में तैनात किया जाएगा।
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