चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में सुषमा स्वराज से मुलाकात की
बीजिंग:
चीन के सरकारी अखबार ने द्विपक्षीय संबंधों में 'मतभेदों' को तवज्जो देकर बीजिंग के खिलाफ नकारात्मक भावनाएं 'भड़काने' के लिए भारतीय मीडिया को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि दोनों पक्षों के मीडिया को दोनों देशों के बीच दूरी पैदा करने के पश्चिम के प्रयासों को लेकर चौकस रहना चाहिए.
समाचार पत्र 'ग्लोबल टाइम्स' ने कहा कि चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को भारत का दौरा किया. इस दौरान कई मीडिया समूहों की रिपोर्टिंग आगामी जी-20 और ब्रिक्स शिखर सम्मेलनों को लेकर दोनों के बीच सहयोग पर केंद्रित रही.
अखबार ने अपने संपादकीय में कहा, "बहरहाल, कुछ भारतीय मीडिया समूहों ने दूसरी तरह से कवर किया और 'चीन ने भारत के एनएसजी के प्रयास को रोका, लेकिन अब दक्षिण चीन सागर पर मदद का इच्छुक' जैसे शीर्षक दिए."
उसने कहा, 'भारतीय मीडिया की ओर से लंबे समय से भारत-चीन संबंधों को लेकर नकारात्मक हौवा खड़ा किए जाने को देखते हुए यह कल्पना करना कठिन नहीं है कि उन्होंने हमेशा की तरह फिर ऐसा किया. उन्होंने अपनी हमेशा की इच्छा के अनुसार लोगों का ध्यान खींचा, लेकिन साथ ही चीन के बारे में भारतीय लोगों के विचारों में नकारात्मकता पैदा की.' इस लेख में द्विपक्षीय मुद्दों का समाधान करने के लिए दोनों सरकारों की ओर से किए जा रहे प्रयासों की सराहना भी की गई है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
समाचार पत्र 'ग्लोबल टाइम्स' ने कहा कि चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शुक्रवार को भारत का दौरा किया. इस दौरान कई मीडिया समूहों की रिपोर्टिंग आगामी जी-20 और ब्रिक्स शिखर सम्मेलनों को लेकर दोनों के बीच सहयोग पर केंद्रित रही.
अखबार ने अपने संपादकीय में कहा, "बहरहाल, कुछ भारतीय मीडिया समूहों ने दूसरी तरह से कवर किया और 'चीन ने भारत के एनएसजी के प्रयास को रोका, लेकिन अब दक्षिण चीन सागर पर मदद का इच्छुक' जैसे शीर्षक दिए."
उसने कहा, 'भारतीय मीडिया की ओर से लंबे समय से भारत-चीन संबंधों को लेकर नकारात्मक हौवा खड़ा किए जाने को देखते हुए यह कल्पना करना कठिन नहीं है कि उन्होंने हमेशा की तरह फिर ऐसा किया. उन्होंने अपनी हमेशा की इच्छा के अनुसार लोगों का ध्यान खींचा, लेकिन साथ ही चीन के बारे में भारतीय लोगों के विचारों में नकारात्मकता पैदा की.' इस लेख में द्विपक्षीय मुद्दों का समाधान करने के लिए दोनों सरकारों की ओर से किए जा रहे प्रयासों की सराहना भी की गई है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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