
- डबलिन के टैलाघ्ट में 19 जुलाई को एक भारतीय नागरिक पर हमलावरों ने हमला किया और उसके कपड़े फाड़ दिए गए.
- पीड़ित को गंभीर चोटें आईं और उसे टैलाघ्ट यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया.
- भारत के राजदूत अखिलेश मिश्रा ने घटना की निंदा की और पीड़ित के प्रति सहानुभूति व्यक्त की है.
आयरलैंड के डबलिन में पिछले दिनों एक डराने वाली घटना हुई है. डबलिन के टैलाघ्ट में 19 जुलाई को हमलावरों के एक समूह ने 40 साल के एक भारतीय नागरिक पर हमला किया और उसके कपड़े फाड़ दिए. जो तस्वीरें और वीडियो इस घटना के आए हैं, उनसे नजर आता है कि उसके चेहरे, हाथों और पैरों पर चोटों के साथ-साथ खून बह रहा है. उसे शाम को इलाज के लिए टैलाघ्ट यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ले जाया गया और गार्डाई (आयरिश राष्ट्रीय पुलिस) ने घटना की जांच शुरू कर दी है. गार्डाई को टैलाघ्ट के पार्कहिल रोड पर शाम करीब 6 बजे हुई घटना की सूचना दी गई थी.
सदमे में है पीड़ित
आयरलैंड में भारत के राजदूत अखिलेश मिश्रा ने इस घटना पर सवाल उठाये हैं और इसकी निंदा की है. उन्होंने कहा, 'एक हमले से इतनी भयानक चोट और ब्लीडिंग कैसे हो सकती है?' उन्होंने पीड़ित के प्रति सहानुभूति और समर्थन के लिए आयरिश जनता और गार्डाई का धन्यवाद किया. साथ ही अपराधी को न्याय के कटघरे में लाने की अपील की है. आयरिश इंडिपेंडेंट के अनुसार, टैलाघ्ट साउथ के फाइन गेल पार्षद बेबी पेरेप्पाडन ने पीड़ित से मुलाकात की और कहा कि वह 'सदमे' में है. उन्होंने कहा, 'वह सदमे के कारण ज्यादा कुछ नहीं बोल पा रहा था, वह तीन हफ्ते पहले ही आयरलैंड आया था. वह इस समय किसी से मिलने नहीं आ रहा है.'
पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाने की मांग
पेरेप्पाडन ने कहा कि टैलाघ्ट में ऐसी घटनाएं अक्सर हो रही हैं. उन्होंने इस क्षेत्र में गार्डाई की और ज्यादा मौजूदगी की मांग की है. उन्होंने यह भी कहा, 'लोगों को यह समझने की जरूरत है कि आयरलैंड आने वाले कई भारतीय वर्क परमिट पर यहां स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र या आईटी में पढ़ने और काम करने के लिए आते हैं जिससे उन्हें महत्वपूर्ण कौशल प्राप्त होते हैं.' डबलिन साउथ-वेस्ट के लिए सिन फेन टीडी, सीन क्रो ने इस हमले को 'हिंसक और नस्लवादी' करार दिया. उन्होंने कहा कि यह 'कई स्तरों पर घृणित और पूरी तरह से अस्वीकार्य' है.
गलत आरोप लगाकर पीटा गया
उनके शब्दों में 'जो कोई भी यह सोचता है कि इस तरह की नासमझ, नस्लवादी हिंसा उनके समुदाय को सुरक्षित बनाती है, वह झूठ बोल रहा है और किसी को बेवकूफ नहीं बना रहा है. कुछ निवासी इस तरह के व्यवहार के कारण अपने घरों से बाहर निकलने से घबरा रहे हैं, चाहे वे हमारे समुदाय में नए आए हों या जीवन भर यहीं रहे हों. द आयरिश टाइम्स ने बताया है कि इस हमले की संभावित हेट क्राइम के तौर पर जांच की जा रही है. जिस शख्स को पीटा गया है उस पर बच्चों के साथ गलत व्यवहार करने का झूठा आरोप लगाया गया था. हालांकि गार्डाई ने कहा कि इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है.
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