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This Article is From Aug 29, 2013

सिंगापुर : हत्या का दोषी भारतीय नागरिक मौत की सजा से बचा

सिंगापुर: सिंगापुर की दंड संहिता में पिछले साल हुए संशोधन की वजह से हत्या के मामले में दोषी करार दिया गया 37 वर्षीय भारतीय मौत की सजा से बच गया। उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।

भारतीय नागरिक गोपीनाथन नायर रमादेवी बीजूकुमार पर एक यौनकर्मी की हत्या का आरोप था। न्यायाधीश चू हान टेक ने गोपीनाथन को 18 बेंत मारने की भी सजा सुनाई है।

गोपीनाथन जहाजरानी के क्षेत्र में काम कर चुका है। वह फिलीपीन की यौनकर्मी रोसलीन रेयेयस पासकुआ की अपने किराए के मकान में हत्या करने का दोषी पाया गया है। यह घटना मार्च, 2010 की है।

सिंगापुर की दंड संहिता में पिछले साल नवंबर में संशोधन किया गया है, जिसमें हत्या के मामलों में मौत की सजा की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया था। पहले यहां हत्या के सभी मामलों में मौत की सजा को अनिवार्य करार दिया गया था। इस नए संशोधन के कारण गोपीनाथन मौत की सजा से बच गया। संशोधन के बाद गोपीनाथ तीसरा ऐसा व्यक्ति है, जिसे हत्या के मामले में दोषी करार दिया गया है।

अपीलीय अदालत ने गोपीनाथन के मामले को उच्च न्यायालय में भेजा था। गोपीनाथन का दावा था कि जब उसने यौनकर्मी से उसकी ओर से दिए गए कुछ पैसे वापस मांगे तो यौनकर्मी ने उस पर हमला कर दिया। इसके बाद उसने यौनकर्मी को चाकू मारा।

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