आपातकाल का उल्लंघन कर सरकार विरोधी रैलियों में भाग लेने के कारण स्वदेश वापस भेजे जाने के संकट का सामना कर रहे एक प्रमुख भारतीय कारोबारी ने रविवार को कहा कि वह उनके खिलाफ की गई कार्रवाई के बावजूद थाइलैंड छोड़कर नहीं जाएंगे।
इंडिया थाई बिजनेस फोरम के पूर्व अध्यक्ष सतीश सहगल ने इस बात से इनकार किया कि वह भारतीय दूतावास के भीतर शरण लिए हुए हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने घर पर हैं और भागेंगे नहीं क्योंकि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि उन्होंने कुछ गलत नही किया है।
नेशन समाचारपत्र ने उनके हवाले से लिखा है, 'मेरे मामले का जो भी नतीजा निकले, मैं जोर देकर कहता हूं कि मैं थाइलैंड छोड़कर नहीं जाऊंगा क्योंकि यह मेरा सबसे प्यारा घर है।' पिछले 50 सालों से भी अधिक समय से थाइलैंड में रह रहे सहगल के पास अभी भी भारतीय पासपोर्ट है। उन्होंने दावा किया कि वह सरकार विरोधी प्रदर्शनों में प्रमुख नेता नहीं थे और उन्होंने देश और उसके संस्थानों की रक्षा के लिए राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लिया है।
इसके साथ ही उन्होंने सरकार विरोधी पीपुल्स डेमोकेट्रिक रिफोर्म कमेटी (पीडीआरसी) के साथ अपनी राजनीतिक गतिविधियों को खत्म किए जाने की भी घोषणा की। यह संगठन पिछले दो महीनों से बैंकाक में प्रधानमंत्री यिंगलक शिनवात्रा के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहा है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं