भारतीय अमेरिकी को धोखाधड़ी के मामले में तीन साल की जेल, बुजर्गों को बनाया था शिकार

संघीय अभियोजकों के अनुसार, हिरेनकुमार पी चौधरी ने टेलीमार्केटिंग स्कीम के पीड़ितों से पैसा लेने के लिए अमेरिका में कई बैंक खाते खोलने के लिए एक नकली भारतीय पासपोर्ट, झूठे नाम और झूठे पते का इस्तेमाल किया.

भारतीय अमेरिकी को धोखाधड़ी के मामले में तीन साल की जेल, बुजर्गों को बनाया था शिकार

भारतीय अमेरिकी को बुजुर्गों से धोखाधड़ी के मामले में जेल (प्रतीकात्मक फोटो)

अमेरिका में एक भारतीय अमेरिकी को वरिष्ठ नागरिकों के साथ धोखाधड़ी करने वाली टेलीमार्केटिंग स्कीम से मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में तीन साल के कारावास की सजा सुनाई गई है. इलिनोइस के उत्तरी जिले के अमेरिकी अटॉर्नी जॉन आर लॉश ने गुरुवार को सजा की घोषणा करते हुए कहा कि 29 वर्षीय हिरेनकुमार पी चौधरी को पिछले साल मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में दोषी ठहराया था.

उन्होंने कहा कि हिरेनकुमार पी चौधरी ने  टेलीमार्केटिंग स्कीम में बुजुर्ग पीड़ितों से सीधे प्राप्त धन को वैध (मनी लॉन्ड्रिंग) बनाने में अहम भूमिका निभाई.

अभियोजकों के अनुसार, हिरेनकुमार पी चौधरी ने टेलीमार्केटिंग स्कीम के पीड़ितों से पैसा लेने के लिए अमेरिका में कई बैंक खाते खोलने के लिए एक नकली भारतीय पासपोर्ट, झूठे नाम और झूठे पतों का इस्तेमाल किया.

न्याय विभाग ने कहा  कि पीड़ितों में से एक मैसाचुसेट्स की एक सेवानिवृत्त नर्स थीं, जिन्होंने अपने बैंक और सेवानिवृत्ति खातों से कुल 900,000 अमेरीकी डॉलर से  अधिक हिरेनकुमार पी चौधरी या अन्य द्वारा नियंत्रित खातों में ट्रांसफर किए थे." हिरेनकुमार सबकुछ जानते हुए भी गैरकानूनी गतिविधि वाले वित्तीय लेनदेन में लगे हुए थे.
 

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