वाशिंगटन:
भारत ने अमेरिका से 26 नवंबर को हुए मुंबई आतंकवादी हमले के दोषी डेविड हेडली और उसके सहयोगी तहव्वुर राणा से पूछताछ करने की अनुमति मांगी है। हेडली और राणा को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्करे तैयबा को समर्थन देने का दोषी पाने के बाद शिकागो की एक अदालत ने सजा सुनाई थी।
हालांकि दोनों पक्षों में से किसी ओर से भी हेडली एवं राणा के संदर्भ में हुई चर्चा के बारे में आधिकारिक रूप से जानकारी नहीं दी गई। अधिकारियों ने कहा कि गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने अमेरिकी अटॉर्नी जनरल एरिक होल्डर के साथ इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया।
एक आधिकारिक भारतीय बयान में कहा गया, ‘‘शिंदे और होल्डर के बीच इस बात पर सहमति बनी कि गृहमंत्रालय और न्यायिक विभाग को एक साथ मिलकर संस्थागत रूप से काम करना चाहिए ताकि दोनों देशों के कानूनी दायरे के भीतर प्रत्यर्पण से जुड़े मामले, आग्रह पत्रों (लैटर्स रोगेट्री) के क्रियान्वयन, रेड कार्नर नोटिस के लंबित पड़े मुद्दों को सुलझाकर बेहतर संभव नतीजे निकाले जा सकें। इसके अलावा कानून प्रवर्तन और न्यायिक प्रक्रियाओं में भी सहयोग तथा आतंकवाद से मुकाबला किया जा सके।’’
पाकिस्तानी अमेरिकी हेडली और पाकिस्तानी कनाडाई राणा को शिकागो की अदालत ने मुंबई हमले और डैनिश समाचार पत्र पर विफल हमले में उनकी भूमिका के कारण उन्हें क्रमश: 35 साल एवं 14 साल की सजा सुनायी थी।
हेडली (52) एवं राणा (52) को 2009 में गिरफ्तार किया गया था। हेडली कुछ समय तक मादक पदार्थों का कारोबारी था और वह अमेरिकी मादक पदार्थ संबंधी एजेंसी डीईए का मुखबिर भी था। बाद में उसने अपनी भूमिका बदल ली।
हालांकि भारत को हेडली तक पहुंच तो मिल गई थी लेकिन अमेरिका ने पाकिस्तानी कनाडियाई मूल के राणा, हेडली की अमेरिका में रह रही पत्नी शाजिया, उसकी प्रेमिका पोर्शिया पीटर और एक अन्य महिला मित्र से पूछताछ का मौका नहीं दिया था। हेडली ने पाकिस्तान आधिकारिक आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए 26/11 के मुंबई हमलों का निशाना बनाए जाने वाले स्थानों की टोह ली थी।
भारतीय जांचकर्ताओं का मानना है कि अगर वे आगे हेडली और अन्य लोगों से बातचीत कर पाते हैं तो कई छिपी हुई सूचनाएं मिल सकती हैं।
गृहमंत्री शिंदे ने एफबीआई के निदेशक मुलर से भी मुलाकात की। दोनों पक्षों ने परस्पर सहयोग और आपसी हितों से जुड़े मुद्दों की समीक्षा की।
एफबीआई और भारतीय एजेंसियां नजदीकी संपर्क में रही हैं और इस संदर्भ में यह सहमति भी बनी कि एजेंसियों के बीच सहयोग को और बढ़ाया जाएगा।
आधिकारिक बैठकों के बाद शिंदे और उनके प्रतिनिधिमंडल के वरिष्ठ सदस्य एक दिन की बोस्टन यात्रा पर गए। समझा जाता है कि इस दौरान उन्हें बीते 15 अप्रैल को बोस्टन मैराथन में हुए विस्फोट की सफलतापूर्वक जांच की विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
इससे पहले शिंदे ने दूसरी भारतीय-अमेरिकी घरेलू सुरक्षा वार्ता के लिए एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। इस वार्ता की सहअध्यक्षता घरेलू सुरक्षा मंत्री जेनेट नेपोलितानो ने की।
हालांकि दोनों पक्षों में से किसी ओर से भी हेडली एवं राणा के संदर्भ में हुई चर्चा के बारे में आधिकारिक रूप से जानकारी नहीं दी गई। अधिकारियों ने कहा कि गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने अमेरिकी अटॉर्नी जनरल एरिक होल्डर के साथ इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया।
एक आधिकारिक भारतीय बयान में कहा गया, ‘‘शिंदे और होल्डर के बीच इस बात पर सहमति बनी कि गृहमंत्रालय और न्यायिक विभाग को एक साथ मिलकर संस्थागत रूप से काम करना चाहिए ताकि दोनों देशों के कानूनी दायरे के भीतर प्रत्यर्पण से जुड़े मामले, आग्रह पत्रों (लैटर्स रोगेट्री) के क्रियान्वयन, रेड कार्नर नोटिस के लंबित पड़े मुद्दों को सुलझाकर बेहतर संभव नतीजे निकाले जा सकें। इसके अलावा कानून प्रवर्तन और न्यायिक प्रक्रियाओं में भी सहयोग तथा आतंकवाद से मुकाबला किया जा सके।’’
पाकिस्तानी अमेरिकी हेडली और पाकिस्तानी कनाडाई राणा को शिकागो की अदालत ने मुंबई हमले और डैनिश समाचार पत्र पर विफल हमले में उनकी भूमिका के कारण उन्हें क्रमश: 35 साल एवं 14 साल की सजा सुनायी थी।
हेडली (52) एवं राणा (52) को 2009 में गिरफ्तार किया गया था। हेडली कुछ समय तक मादक पदार्थों का कारोबारी था और वह अमेरिकी मादक पदार्थ संबंधी एजेंसी डीईए का मुखबिर भी था। बाद में उसने अपनी भूमिका बदल ली।
हालांकि भारत को हेडली तक पहुंच तो मिल गई थी लेकिन अमेरिका ने पाकिस्तानी कनाडियाई मूल के राणा, हेडली की अमेरिका में रह रही पत्नी शाजिया, उसकी प्रेमिका पोर्शिया पीटर और एक अन्य महिला मित्र से पूछताछ का मौका नहीं दिया था। हेडली ने पाकिस्तान आधिकारिक आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए 26/11 के मुंबई हमलों का निशाना बनाए जाने वाले स्थानों की टोह ली थी।
भारतीय जांचकर्ताओं का मानना है कि अगर वे आगे हेडली और अन्य लोगों से बातचीत कर पाते हैं तो कई छिपी हुई सूचनाएं मिल सकती हैं।
गृहमंत्री शिंदे ने एफबीआई के निदेशक मुलर से भी मुलाकात की। दोनों पक्षों ने परस्पर सहयोग और आपसी हितों से जुड़े मुद्दों की समीक्षा की।
एफबीआई और भारतीय एजेंसियां नजदीकी संपर्क में रही हैं और इस संदर्भ में यह सहमति भी बनी कि एजेंसियों के बीच सहयोग को और बढ़ाया जाएगा।
आधिकारिक बैठकों के बाद शिंदे और उनके प्रतिनिधिमंडल के वरिष्ठ सदस्य एक दिन की बोस्टन यात्रा पर गए। समझा जाता है कि इस दौरान उन्हें बीते 15 अप्रैल को बोस्टन मैराथन में हुए विस्फोट की सफलतापूर्वक जांच की विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
इससे पहले शिंदे ने दूसरी भारतीय-अमेरिकी घरेलू सुरक्षा वार्ता के लिए एक उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। इस वार्ता की सहअध्यक्षता घरेलू सुरक्षा मंत्री जेनेट नेपोलितानो ने की।
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