
- मार्च 2023 में लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में खालिस्तानियों ने तोड़फोड़ कर तिरंगा हटाकर अपना झंडा लगाया था.
- मार्च 2025 में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर पर लंदन में खालिस्तानियों ने हमला करने का प्रयास किया था.
- भारतीय जांच एजेंसी NIA ने अप्रैल 2024 में उच्चायोग हमले की बड़ी साजिश का खुलासा करते हुए चार्जशीट दाखिल की थी.
मार्च 2023 को लंदन में एक ऐसी घटना हुई जिसने भारत में सबको हिलाकर रख दिया. यहां पर भारतीय उच्चायोग में कुछ खालिस्तानी दाखिल हो गए और उन्होंने तोड़फोड़ की. इतना ही नहीं इन खालिस्तानियों ने भारत का तिरंगा उतारकर अपना झंडा लगा दिया. इसके दो साल बाद यानी मार्च 2025 में जब भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए लंदन पहुंचे थे तो खालिस्तानियों ने उन पर हमला करने की कोशिश की थी. ये दो घटनाएं इस बात को बताने के लिए काफी हैं कि यूके किस तरह से खालिस्तानियों का गढ़ बनता जा रहा है. अब जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिनों की यात्रा पर लंदन पहुंचे हैं तो इस बात की पूरी संभावना है कि इसका भी जिक्र होगा. विदेश मंत्रालय की तरफ से भी पिछले दिनों इस बारे में इशारा किया गया है.
जांच में मदद नहीं
मार्च 2023 में हुए हमले के सिलसिले में भारत की जांच एजेंसी NIA ने अप्रैल 2024 में एक चार्जशीट दाखिल की थी. इस चार्जशीट में भारतीय अधिकारियों को निशाना बनाने वाली एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश किया गया था. गृह मंत्रालय की तरफ से एक लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया गया जिसमें 15 ऐसे लोगों का जिक्र था जो उच्चायोग पर हुए हमले में शामिल थे. जांच जारी है लेकिन भारतीय अधिकारियों की मानें तो यूके की अथॉरिटीज इस दिशा में जरा भी सहयोग नहीं कर रही हैं.
यूके में खतरनाक तत्व
लंदन में इस समय इंदरपाल सिंह गाबा, गुरुचरण सिंह और परमजीत सिंह पम्मा जैसे खालिस्तानी नेता मौजूद हैं. इन तीनों ने ही मार्च 2023 वाले हमले की साजिश रची थी. परमजीत सिंह पम्मा एनआईए की 'मोस्ट वांटेड' लिस्ट में शामिल है. माना जाता है कि वह खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का सदस्य है और भारत को लगातार धमकियां देता आ रहा है. कनाडा में हरजीत सिंह निज्जर की हत्या के बाद से उसकी धमकियां काफी बढ़ गई हैं.
गुरचरण सिंह दल खालसा यूके का नेता है. वह सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) से सक्रिय तौर पर जुड़ा हुआ है. गुरचरण, पम्मा और लंदन स्थित पाकिस्तान उच्चायोग के साथ इनके संबंधों ने भारत की चिंताएं बढ़ा दी हैं. पाकिस्तान के साथ इनके करीबी संबंधों को देखते हुए ये विदेशी धरती से खालिस्तानी तत्वों को भारत के खिलाफ इकट्ठा करने के एजेंडे को अंजाम देने में लगे हुए हैं.
इंदरपाल सिंह गाबा वेस्टर्न लंदन के हाउंस्लो में रहता है और दिल्ली का मूल निवासी है. उसे इस साल की शुरुआत में एक केस में दिल्ली की कोर्ट ने बरी कर दिया था. NIA ने गाबा को
9 दिसंबर, 2023 को अटारी बॉर्डर से हिरासत में लिया था. उस समय वह लंदन से पाकिस्तान होते हुए भारत आ रहा था. बाद में उसे गिरफ्तार किया गया था.
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