अमेरिकी हमले में ईरान के एक शीर्ष कमांडर के मारे जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारत ने शुक्रवार को कहा कि तनाव में वृद्धि ने विश्व को चौकन्ना कर दिया है. इसके साथ ही भारत ने जोर दिया कि उसके लिए क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण है. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत ने लगातार संयम पर जोर दिया है और यह महत्वपूर्ण है कि स्थिति और खराब नहीं हो. इससे पहले पेंटागन ने घोषणा की थी कि शुक्रवार को इराक में एक अमेरिकी ड्रोन हमले में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के शक्तिशाली कमांडर जनरल कासेम सुलेमानी की मौत हो गई. विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि तनाव में वृद्धि ने दुनिया को चौंकन्ना बना दिया है. इस क्षेत्र में शांति, स्थिरता और सुरक्षा भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. मंत्रालय ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि स्थिति और अधिक नहीं बिगड़े. भारत ने लगातार संयम की वकालत की है और ऐसा करना जारी रखेगा.
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अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश से ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के शक्तिशाली कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी को अमेरिकी हवाई हमले में मार दिया गया है. अमेरिका के इस कदम से खाड़ी क्षेत्र में नाटकीय रूप से तनाव काफी बढ़ गया है. जनरल सुलेमानी ईरान के अल-कुद्स फोर्स के प्रमुख और इसके क्षेत्रीय सुरक्षा हथियारों के रचयिता थे. उन्हें शुक्रवार (3 जनवरी) को बगदाद के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर अमेरिकी हवाई हमले में मारा गया. हमले में इराक के शक्तिशाली हशद अल-शाबी अर्द्धसैनिक बल का उपप्रमुख भी मारा गया.
पेंटागन ने इराक में सुलेमानी (62) की मौत की पुष्टि की है और कहा कि यह हमला ट्रंप के निर्देश पर किया गया था. पेंटागन ने कहा, ‘‘विदेश में अमेरिकी कर्मियों की सुरक्षा के लिए स्पष्ट रक्षात्मक कार्रवाई करते हुए अमेरिकी सेना ने राष्ट्रपति के निर्देश पर ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कोर-कुद्स फोर्स के प्रमुख कासिम सुलेमानी को मार गिराया. इस संगठन को अमेरिका ने प्रतिबंधित विदेशी आतंकवादी संगठन की सूची में डाल रखा है.''
सुलेमानी की मौत के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी झंडे की तस्वीर ट्वीट करने के अलावा तुरंत कोई टिप्पणी नहीं की. ट्रंप फिलहाल फ्लोरिडा में छुट्टी मना रहे हैं. इस हमले से कुछ दिन पहले कट्टर हशद गुट पर अमेरिका के भीषण हवाई हमले के बाद ईरान में सरकार समर्थित बल के इराकी समर्थकों ने बगदाद में अमेरिकी दूतावास की घेराबंदी की थी, जिसके बाद ट्रंप ने ईरान को नतीजे भुगतने की धमकी दी थी.
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पेंटागन ने आरोप लगाया कि इस हमले का मकसद भविष्य में ईरान की हमले की मंशा को रोकना था.सुलेमानी की मौत पर प्रतिक्रिया देते हुए ईरान ने कहा कि देश और ‘‘क्षेत्र के स्वतंत्र राष्ट्र'' अमेरिका से इसका बदला लेंगे. राष्ट्रपति हसन रुहानी ने पश्चिम एशिया में ईरान के सहयोगी देशों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि ईरान और क्षेत्र के अन्य तीन देश अपराधी अमेरिका से इस क्रूर अपराध का बदला लेंगे.''
ईरान सरकार की वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक बयान में उन्होंने कहा, ‘‘आक्रमणकारी एवं अपराधी अमेरिका द्वारा सुलेमानी की शहादत से ईरान समेत क्षेत्र के सभी देशों का दिल आहत है.''उन्होंने कहा, ‘‘उनकी मौत ने ईरान और अन्य स्वतंत्र देशों की अमेरिका की दादागिरी खिलाफ खड़ा होने और इस्लामी मूल्यों की रक्षा के दृढ़संकल्प को दोगुना कर दिया है.''ट्रंप के इस फैसले का उनकी पूर्व कैबिनेट सहयोगी एवं संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका दूत भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक निक्की हेली ने समर्थन किया है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘कासिम सुलेमानी एक कट्टर आतंकवादी था, जिसके हाथ अमेरिकी नागरिकों के खून से रंगे हैं. उसकी मौत पर उन सभी को प्रशंसा सराहना करनी चाहिए जो शांति और न्याय चाहते हैं। ऐसा मजबूत और सही कदम उठाने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप पर गर्व है.''
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं