मास्को/नई दिल्ली:
संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में सीरिया में गुरुवार को लागू संघर्ष विराम का स्वागत करते हुए भारत ने कहा है कि संकट का समाधान बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के एक वैधानिक ढांचे एवं शांतिपूर्ण तरीके से ही होना चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के व्यापक क्षेत्र पर आधारित त्रिपक्षीय रिक मंच के तहत भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने शुक्रवार को चीन के अपने समकक्ष यांग जिएची और रूस के सर्गेई लावरोव के साथ चर्चा की। बैठक में अफगानिस्तान, सीरिया, ईरान एवं कोरिया जैसे महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर तीनों देशों के बीच नजदीकी राजनीतिक सहयोग जारी रखने का फैसला किया गया।
त्रिपक्षीय बैठक के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कृष्णा ने कहा, "मौजूदा अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में बड़े बदलाव एवं अस्थिर रुझान देखे गए हैं जो अंत में भविष्य की वैश्विक स्थिति का रूप निर्धारित करेंगे।" उन्होंने कहा, "भारत, रूस एवं चीन का मानना है कि वैश्विक चुनौतियों को दूर करने में उन्हें महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।"
सीरिया संकट के समाधान पर तीनों देश एकमत दिखे और संकट का सामना कर रहे क्षेत्र के देशों की स्थितियों का समाधान निकालने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। तीनों देशों ने सर्वसम्मति से कहा कि सीरिया और ईरान जैसे देशों के संकट का समाधान बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के एक वैधानिक ढांचे एवं शांतिपूर्ण तरीके से ही होना चाहिए।
नई दिल्ली ने सीरिया में युद्धविराम का स्वागत किया है। साथ ही उम्मीद जताई कि विशेष दूत कोफी अन्नान के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र मिशन को आगे भी मध्य-पूर्व के इस देश में शांति स्थापित करने में सफलता मिलेगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, "संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत कोफी अन्नान के मिशन की पहल पर सीरिया में बदले घटनाक्रम का हम स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है कि इस मिशन को अन्य मुद्दों के समाधान में आगे भी सफलता मिलेगी, जिससे सीरिया में शांति बहाल हो सकेगी।"
अरब लीग और संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत अन्नान ने सीरिया संकट के समाधान के लिए छह सूत्री योजना पेश की है। इसके तहत सीरिया में गुरुवार रात से युद्धविराम की घोषणा की गई है। सीरिया में सेना और विद्रोहियों के बीच पिछले कई महीने से संघर्ष है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के व्यापक क्षेत्र पर आधारित त्रिपक्षीय रिक मंच के तहत भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने शुक्रवार को चीन के अपने समकक्ष यांग जिएची और रूस के सर्गेई लावरोव के साथ चर्चा की। बैठक में अफगानिस्तान, सीरिया, ईरान एवं कोरिया जैसे महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर तीनों देशों के बीच नजदीकी राजनीतिक सहयोग जारी रखने का फैसला किया गया।
त्रिपक्षीय बैठक के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कृष्णा ने कहा, "मौजूदा अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में बड़े बदलाव एवं अस्थिर रुझान देखे गए हैं जो अंत में भविष्य की वैश्विक स्थिति का रूप निर्धारित करेंगे।" उन्होंने कहा, "भारत, रूस एवं चीन का मानना है कि वैश्विक चुनौतियों को दूर करने में उन्हें महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।"
सीरिया संकट के समाधान पर तीनों देश एकमत दिखे और संकट का सामना कर रहे क्षेत्र के देशों की स्थितियों का समाधान निकालने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। तीनों देशों ने सर्वसम्मति से कहा कि सीरिया और ईरान जैसे देशों के संकट का समाधान बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के एक वैधानिक ढांचे एवं शांतिपूर्ण तरीके से ही होना चाहिए।
नई दिल्ली ने सीरिया में युद्धविराम का स्वागत किया है। साथ ही उम्मीद जताई कि विशेष दूत कोफी अन्नान के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र मिशन को आगे भी मध्य-पूर्व के इस देश में शांति स्थापित करने में सफलता मिलेगी।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, "संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत कोफी अन्नान के मिशन की पहल पर सीरिया में बदले घटनाक्रम का हम स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है कि इस मिशन को अन्य मुद्दों के समाधान में आगे भी सफलता मिलेगी, जिससे सीरिया में शांति बहाल हो सकेगी।"
अरब लीग और संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत अन्नान ने सीरिया संकट के समाधान के लिए छह सूत्री योजना पेश की है। इसके तहत सीरिया में गुरुवार रात से युद्धविराम की घोषणा की गई है। सीरिया में सेना और विद्रोहियों के बीच पिछले कई महीने से संघर्ष है।