विज्ञापन
This Article is From Sep 07, 2013

लेखिका की हत्या मामले में अफगानिस्तान के संपर्क में भारत

लेखिका की हत्या मामले में अफगानिस्तान के संपर्क में भारत
नई दिल्ली/कोलकाता: अफगानिस्तान में तालिबान आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हुईं भारतीय लेखिका सुष्मिता बनर्जी के परिजनों ने शुक्रवार को मांग की कि शव कोलकाता लाया जाना चाहिए जबकि विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि इस मामले पर सरकार अफगान सरकार के संपर्क में है।

खुर्शीद ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा, "हम संपर्क में हैं। हम अफगानिस्तान में लोकतंत्र और समावेशन के प्रयासों को समर्थन दे रहे हैं।" घटना को 'अत्यंत निराशाजनक' करार देते हुए खुर्शीद ने कहा कि ऐसी घटनाएं 'अत्यंत दुखदायी होती हैं।'

मंत्री ने कहा कि दोनों देशों का इस मामले पर 'एक ही नजरिया है' और वह यह कि "खास तौर से महिलाओं के साथ इस तरह के अमानवीय व्यवहार के खिलाफ लड़ाई की हमारी प्रतिबद्धता है।" उन्होंने कहा, "इसका विरोध करने और इस तरह की विचारधारा को समूल नष्ट करने की अफगानिस्तान की प्रतिद्धता के साथ हम पूरी तरह खड़े हैं। हमारा यह भी मानना है कि अफगानिस्तान और भारत का नुकसान सामूहिक है और यह केवल हमारा ही नुकसान नहीं है। यह उनका भी नुकसान है।"

बनर्जी के छोटे भाई ने कहा वह अफगानिस्तान लौटने के लिए बेताब थीं और भारत में ही रहने की उनकी सलाह पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि सुष्मिता का इरादा अफगान महिलाओं के जीवन पर एक और किताब लिखने का था।

लेखिका के छोटे भाई गोपाल बनर्जी ने कहा, "हमने उन्हें आगाह किया था कि वह अफगानिस्तान नहीं जाए। लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं मानी। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की स्थिति सामान्य है और वहां पर अमेरिकी सैनिक हैं।"

बनर्जी ने कहा कि हमने अफगानिस्तान में सुष्मिता के पति और उसके परिवार वालों से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उनका फोन नहीं मिला और संपर्क नहीं हो सका। उनके निजी मोबाइल पर बात नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से किसी भी अधिकारी ने अब तक उनके परिवार से संपर्क नहीं किया है।

बनर्जी ने कहा, "हम विदेश मंत्रालय से यह गुजारिश करेंगे कि उनका शव स्वदेश लाया जाए।" उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान जाने से पहले सुष्मिता ने वहां के बच्चों के लिए कोलकाता से किताबें खरीदी थी।

भारतीय लेखिका सुष्मिता बनर्जी की हत्या की अमानवीय घटना से पश्चिम बंगाल का लेखक समुदाय हैरान और स्तब्ध है।

बनर्जी ने परिवार से बगावत कर अफगानी व्यवसायी जांबाज खान से शादी की थी। शादी के बाद वह अपने पति के साथ कई साल अफगानिस्तान में रही थीं। उन्होंने 1998 में 'काबुलीवालार बंगाली बउ' (अ काबुलीवालाज बंगाली वाइफ) शीर्षक वाला संस्मरण लिखा था, जो काफी चर्चित हुआ। इसमें तालिबानी व्यवस्था में महिलाओं की पीड़ाओं के विभिन्न रूपों को चित्रित किया गया है। उन्होंने इस पुस्तक में आतंकवादियों के चंगुल से भागने के अपने साहसपूर्ण कदम का भी जिक्र किया है। उनकी हत्या से दुखी मैगसेसे अवार्ड सम्मानित लेखिका महाश्वेता देवी ने कहा, "यह दुखद है और मैं हैरान हूं।"

प्रसिद्ध लेखक शीर्शेदु मुखर्जी ने हैरानी जताते हुए कहा, "मैंने उनकी किताब पढ़ी है, लेकिन उन्हें व्यक्तिगत रूप से नहीं जानता हूं। वह एक साहसी महिला थीं और उन्होंने काफी कठिनाई झेली थी।"

साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता शंखा घोष ने कहा, "यह हैरानी भरा है। अगर तालिबान यह कर रहा है, तो यह सभ्यता के खिलाफ है।"

बनर्जी हाल ही में अपने पति के साथ रहने के लिए अफगानिस्तान लौटी थीं। बीबीसी के मुताबिक, वह वहां सैयदा कमाला के नाम से रह रही थीं।

बनर्जी के जीवन पर 2003 में बॉलीवुड में 'एस्केप फ्रॉम तालिबान' नामक फिल्म बनाई गई थी। इसमें मनीषा कोईराला ने मुख्य भूमिका निभाई थी।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
सुष्मिता मुखर्जी, भारतीय लेखिका, अफगानिस्तान में हत्या, Sushmita Mukherjee, Indian Origin Writer, Writer Killed In Afghanistan
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com