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This Article is From Feb 10, 2022

मुंबई हमले, पठानकोट आतंकी हमले के पीड़ितों को नहीं मिला अब तक न्याय : UNSC में भारत

संयुक्त राष्ट्र (UN) में भारत (India) के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति (T S Tirumurti) ने बुधवार को सुरक्षा परिषद (UNSC) में दोहराया कि दुनिया के एक भी हिस्से में आतंकवाद (Terrorism) अगर है तो वह समूची दुनिया की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है.

मुंबई हमले, पठानकोट आतंकी हमले के पीड़ितों को नहीं मिला अब तक न्याय : UNSC में भारत
India ने Pakistan को आतंकवाद पर एक बार फिर UNSC में घेरा

भारत (India) ने संयुक्त राष्ट्र (UN) में एक बार फिर आतंकवाद (Terrorism) का मुद्दा उठाया और सीमा पार से हुई आतंकवादी घटनाओं पर अब तक इंसाफ ना मिल पाने की शिकायत भी की. भारत के दूत ने संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद (UNSC) में कहा, "भारत ने लंबे समय से सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद का दंश झेला है और पाकिस्तान (Pakistan) में मौजूद आतंकवादी समूहों की तरफ से अंजाम दिए गए 2008 के मुंबई आतंकी (Mumbai Attack) हमले तथा 2016 के पठानकोट आतंकी हमले (Pathankot Terror Attack) के पीड़ितों (Victims) को अभी तक न्याय नहीं मिला है."

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ( T S Tirumurti) ने बुधवार को सुरक्षा परिषद में ‘आतंकवादी कृत्यों के कारण अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा' विषय पर भारत की इस मान्यता को दोहराया कि दुनिया के एक भी हिस्से में आतंकवाद अगर है तो वह समूची दुनिया की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है.

उन्होंने कहा कि एक ऐसे देश के रूप में जिसे 2008 के मुंबई आतंकी हमले और 2016 के पठानकोट आतंकी हमले सहित सीमा पार आतंकवाद का खामियाजा भुगतना पड़ा है, ‘‘भारत आतंकवाद की मानवीय कीमत से अवगत है और इन आतंकी हमलों के साजिशकर्ताओं को न्याय के कटघरे में लाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.'' उन्होंने कहा कि इन दोनों नृशंस हमलों के पीड़ितों को अभी तक न्याय नहीं मिला है.

तिरुमूर्ति ने कहा कि आतंकी हमलों की निंदा करते हुए 'हमारी प्रतिक्रिया एकजुट और स्पष्ट होनी चाहिए. हमें इस तथ्य को नहीं भूलना चाहिए कि अमेरिका में हुए 11 सितंबर के हमलों के 20 साल बाद भी ऐसे नेता हैं जो बिना किसी पछतावे के ओसामा बिन लादेन का, एक शहीद के रूप में बचाव करना जारी रखते हैं.'' तिरुमूर्ति का इशारा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर था, जिन्होंने मारे गए अलकायदा प्रमुख को शहीद बताया था.

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आईएसआईएल-दाएश के खतरों के संबंध में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस की 14वीं रिपोर्ट पर तिरुमूर्ति ने उन सभी पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की, जिन्होंने अफगानिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, इराक, सीरिया, कांगो और युगांडा में हाल के आतंकवादी हमलों में अपने प्रियजनों को खो दिया.

तिरुमूर्ति ने परिषद के समक्ष कहा कि आतंकवाद हर किसी को प्रभावित करता है, चाहे वह किसी भी स्थान या मूल का हो. उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से, आतंकी कृत्यों के पीछे की मंशा के आधार पर आतंकवाद से निपटने की दोषपूर्ण मानसिकता से बाहर आने में लंबा वक्त लगा.''

उन्होंने कहा, ‘‘हमने हाल में अपने क्षेत्र में और अब संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब में ड्रोन के माध्यम से आतंकवादी हमले देखे हैं, जिनकी सुरक्षा परिषद ने कड़ी निंदा की है। हाल में परिषद के प्रस्ताव 2617 में मानव रहित विमान प्रणालियों द्वारा उत्पन्न इस खतरे पर ध्यान दिलाया गया है. हमें इन खतरों से निपटने के लिए उपयुक्त समाधान विकसित करने और वैश्विक मानकों को विकसित करने के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है.''

पिछले साल जून में दो ड्रोन के जरिए जम्मू हवाई अड्डे पर स्थित भारतीय वायु सेना स्टेशन पर विस्फोटक सामग्री गिराई गई, जिससे दो कर्मी घायल हो गए थे.

तिरुमूर्ति ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर की आठ सूत्री कार्य योजना को भी दोहराया. तिरुमूर्ति वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र काउंटर टेररिज्म कमेटी (CTC) के अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा कि भारत संयुक्त राष्ट्र कार्यालय काउंटर-टेररिज्म (UNOCT) और यूएन काउंटर-टेररिज्म कमेटी के कार्यकारी निदेशालय (CTED) के साथ मिलकर काम करेगा और सभी हितधारकों के साथ इस मुद्दे को उठाना जारी रखेगा ताकि आतंकवाद और उसके गुनहगारों के प्रति ‘कतई बर्दाश्त नहीं करने' का दृष्टिकोण अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद विरोधी विमर्श का ध्येय बन जाए.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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