अमेरिका, भारत, सऊदी अरब और अन्य देशों के नेता संभावित रेलमार्गों और पोर्ट से जुड़े संभावित बुनियादी ढांचे के सौदे को लेकर बातचीत कर रहे हैं. रॉयटर्स ने शुक्रवार को सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है. एजेंसी के अनुसार, इस बातचीत की रिपोर्ट सबसे पहले अमेरिकी न्यूज़लेटर एक्सियोस में छापी गई थी.
अमेरिकी न्यूज़लेटर के अनुसार, यह नई परियोजना एक महत्वपूर्ण पहल हो सकती है. इसे व्हाइट हाउस मिडिल ईस्ट में आगे बढ़ा रहा है, जहां चीन का प्रभाव बढ़ रहा है और देश बीजिंग के बेल्ट एंड रोड विजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
सऊदी अरब के साथ एक मेगा-डील को लेकर बाइडेन प्रशासन का एजेंडा
बाइडेन प्रशासन (Biden Administration) सऊदी अरब के साथ एक मेगा-डील के लिए अपने राजनयिक प्रयास को पूरा करना चाहता है, जिसमें 2024 के अभियान से पहले बाइडेन के एजेंडे को पूरा करने से पहले राज्य और इज़राइल के बीच एक सामान्यीकरण समझौता शामिल हो सकता है.
एक्सियोस के अनुसार, सूत्रों ने कहा है कि इस परियोजना से लेवांत और खाड़ी में अरब देशों को रेलवे के एक नेटवर्क के माध्यम से जोड़ने की उम्मीद है, जो खाड़ी में बंदरगाहों के माध्यम से भारत से भी जुड़ेगा.
18 महीनों में I2U2 नामक फोरम में हुई बातचीत
इसके अलावा एक्सियोस ने दो स्रोतों का हवाला देते हुए कहा है कि इस नई पहल का विचार पिछले 18 महीनों में I2U2 नामक एक अन्य फोरम में हुई बातचीत के दौरान आया, जिसमें अमेरिका, इज़राइल, यूएई और भारत शामिल हैं. इस फोरम की स्थापना 2021 के अंत में मिडिल ईस्ट में रणनीतिक बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर चर्चा करने और क्षेत्र में बीजिंग के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए हुई थी.
बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में भारत की विशेषज्ञता का उपयोग
पिछले वर्ष I2U2 बैठकों के दौरान इज़राइल ने इस क्षेत्र को रेलवे के माध्यम से जोड़ने का विचार उठाया था. एक सूत्र ने कहा कि विचार का एक हिस्सा ऐसी बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर भारत की विशेषज्ञता का उपयोग करना था. एक्सोइस ने सूत्र का हवाला देते हुए बताया कि बाइडेन प्रशासन ने सऊदी अरब की भागीदारी को शामिल करने के विचार पर विस्तार किया है.
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