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This Article is From Nov 19, 2012

भारत अगले महीने आसियान के साथ सेवा समझौता करेगा : पीएम

भारत अगले महीने आसियान के साथ सेवा समझौता करेगा : पीएम
नोम पेन्ह: भारत ने सोमवार को कहा कि वह अगले महीने 10 सदस्यीय आसियान के साथ सेवा और निवेश क्षेत्र में मुक्त व्यापार समझौता करने के लिए तैयार है।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने यह जानकारी कम्बोडिया की राजधानी में आसियान-भारत शिखर सम्मेलन के दौरान दक्षिणपूर्वी एशियाई देशों के नेताओं को दी।

प्रधानमंत्री ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा, "मैं आप सभी को बताना चाहूंगा कि भारत दिल्ली में दिसम्बर में होने वाले स्मारक शिखर सम्मेलन से पहले सेवा और निवेश क्षेत्र में मुक्त व्यापार समझौता पूर्ण करने के लिए तैयार है।"

भारत का इस समूह के साथ पहले से वस्तु क्षेत्र में मुक्त व्यापार समझौता है, जिसके बारे में सिंह ने कहा कि यह हमारे अनुकूल रहा है। भारत अब सेवा और निवेश क्षेत्र में भी समझौते की कोशिश कर रहा है ताकि मुक्त व्यापार समझौते को व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते में परिणत किया जा सके।

सिंह ने कहा कि आसियान सदस्यों और आसियान संगठन के साथ भारत के सम्बंध सभी दिशाओं में प्रगाढ़ हो रहे हैं। वाणिज्य और सम्पर्क इस संबंध के महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं, जिनमें हमने अच्छी प्रगति की है। वस्तुओं के कारोबार पर भारत-आसियान समझौते से हमें फायदा हुआ है। उन्होंने कहा कि मार्च 2012 को खत्म हुए भारतीय वित्तीय वर्ष में हमारा व्यापार लगभग 80 अरब अमरीकी डॉलर था, जो 70 अरब अमरीकी डॉलर के हमारे लक्ष्य से अधिक था। उन्होंने कहा कि भारत दिसंबर में दिल्ली में स्मारक सम्मेलन के पहले सेवा और निवेश प्रोत्साहन में व्यापार समझौते को पूरा करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि यह हमारे बढ़ते आर्थिक संबंध का एक मजबूत संकेत होगा और इससे दोनों दिशाओं में व्यापार और निवेश के प्रवाह में तेजी से विस्तार करने में मदद मिलेगी।

सिंह ने कहा कि सभी आयामों-भौतिक, संस्थागत और लोगों से लोगों को सम्पर्क में आसियान के साथ संबंध भारत के लिए एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के दो बड़े यादगार समारोह - भारत-आसियान कार रैली और भारतीय नौसेना के पोत सुदर्शिनी का आसियान नौकायान अभियान समुद्र, सतह और हवाई सम्पर्कों द्वारा भारत और आसियान को जोड़ने के महत्व और क्षमता को दशार्ता है। उन्होंने कहा कि हमने भूमि परिवहन कार्यकारी समूह, समुद्री परिवहन कार्यकारी समूह और आसियान सम्पर्क समन्वय समिति में भी आसियान के साथ विचार-विमर्श किया है। उन्होंने कहा कि आसियान देशों के लिए अपनी वीजा व्यवस्था में उदारीकरण को जारी रखना यह दशार्ता है कि हम लोगों से लोगों के सम्पर्क को बढ़ाने और पारस्परिक लाभप्रद आर्थिक अवसरों को बढ़ाने के इच्छुक हैं। उन्होंने इस बात पर खुशी जाहिर की कि आसियान इंटर पार्लियामेंटरी असेम्बली के प्रतिनिधियों ने भारतीय संसदीय प्रतिनिधियों के साथ पहली बार एक दूसरे के यहां दौरे किए।

सिंह ने कहा कि अनेक क्षेत्रों में हमारा सहयोग तेजी से बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष के दौरान हमारे पर्यावरण, नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यटन, कृषि और दूरसंचार मंत्रियों के बीच हुई बैठकें इस बढ़ती गति को दशार्ती हैं। उन्होंने कहा कि हमने मध्यम और लघु उद्योगों के महत्वपूर्ण क्षेत्र में अपने संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए विचार-विमर्श शुरू कर दिया है क्योंकि ये उद्योग हमारे देशों में रोजगार और खोज के इंजन हैं।

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