नई दिल्ली:
लद्दाख में पिछले तीन सप्ताह से भारत और चीन के बीच चल रही तनातनी के समाप्त होने के एक दिन बाद भारत सरकार ने कहा कि चीन के साथ कोई ‘सौदेबाजी’ नहीं हुई है। दूसरी ओर, चीन ने भी ‘मतभेद वाले मामले के सुलझने’ की घोषणा कर दी है लेकिन उसने यह स्पष्ट नहीं किया है कि उस क्षेत्र में 14 अप्रैल से पहले वाली यथा स्थिति बरकरार रखी गई है या नहीं।
मतभेद को सुलझाने के लिए किसी भी तरह की ‘सौदेबाजी’ होने की अटकलों को खारिज करते हुए सरकारी सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच यथा स्थिति बनाए रखते हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति और स्थायित्व बनाए रखने के लिए साथ में बैठकर बातचीत करने पर सहमति बनी है।
इस बीच, चीन ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि उनकी सेना 15 अप्रैल से पहले वाली स्थिति में लौट गई है या नहीं। उसने सिर्फ इतना ही कहा है कि ‘सफल वार्ता’ के माध्यम से ‘मतभेद की स्थिति को सुलझा’ लिया गया है।
बीजिंग में चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, ‘सीमावर्ती क्षेत्र में गतिरोध के बाद भारत और चीन ने महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को ध्यान में रखते हुए सहयोगी और रचनात्मक रवैया अपनाया है।’ उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने धैर्य रखा और गतिरोध का समुचित प्रक्रिया, राजनयिक तरीकों और सीमा वार्ता के माध्यम से समाधान किया।
नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पश्चिमी सेक्टर में भारत और पाकिस्तान की सेना के बीच करीब तीन सप्ताह तक गतिरोध की स्थिति रहने के बाद दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 15 अप्रैल से पूर्व की स्थिति को यथावत कायम रखने पर सहमति जताई है। 15 अप्रैल को इस क्षेत्र में चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की थी।
मतभेद को सुलझाने के लिए किसी भी तरह की ‘सौदेबाजी’ होने की अटकलों को खारिज करते हुए सरकारी सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच यथा स्थिति बनाए रखते हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति और स्थायित्व बनाए रखने के लिए साथ में बैठकर बातचीत करने पर सहमति बनी है।
इस बीच, चीन ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि उनकी सेना 15 अप्रैल से पहले वाली स्थिति में लौट गई है या नहीं। उसने सिर्फ इतना ही कहा है कि ‘सफल वार्ता’ के माध्यम से ‘मतभेद की स्थिति को सुलझा’ लिया गया है।
बीजिंग में चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, ‘सीमावर्ती क्षेत्र में गतिरोध के बाद भारत और चीन ने महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों को ध्यान में रखते हुए सहयोगी और रचनात्मक रवैया अपनाया है।’ उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने धैर्य रखा और गतिरोध का समुचित प्रक्रिया, राजनयिक तरीकों और सीमा वार्ता के माध्यम से समाधान किया।
नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पश्चिमी सेक्टर में भारत और पाकिस्तान की सेना के बीच करीब तीन सप्ताह तक गतिरोध की स्थिति रहने के बाद दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 15 अप्रैल से पूर्व की स्थिति को यथावत कायम रखने पर सहमति जताई है। 15 अप्रैल को इस क्षेत्र में चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की थी।