प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली/वाशिंगटन :
अमेरिका ने ईरान से तेल खरीदने की पाबंदी से भारत, चीन और जापान सहित आठ देशों को फिलहाल मोहलत दी है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने सोमवार को इसकी जानकारी दी. अमेरिका ने यह रियायत इस आधार पर दी है क्योंकि इन देशों ने ईरान से तेल खरीद में पहले ही भारी कटौती कर दी है. अमेरिका की ओर से ईरान के साथ परमाणु समझौते से अपने को अलग कर उसके तेल और वित्तीय क्षेत्र के विरुद्ध काफी सख्त प्रतिबंध लगा दिए हैं. ये प्रतिबंध आज से लागू हो गए हैं.
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पोम्पियो ने इन आठ देशों की सूची की घोषणा की है, जिन्हें ईरान से तेल आयात प्रतिबंध में छूट दी गई है. हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ईरान पर दबाव बनाने के लिए अमेरिका हर संभव प्रयास करता रहेगा. पोम्पियो ने जिन आठ देशों की सूची जारी की है उनमें भारत, चीन, जापान के साथ ही इटली, यूनान, दक्षिण कोरिया, ताइवान और तुर्की भी शामिल है.
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अमेरिका ने ईरान सरकार के व्यवहार में बदलाव लाने के लिए उस पर अब तक के सबसे सख्त प्रतिबंध लगाए हैं. इन प्रतिबंधों के तहत ईरान के बैंक और ऊर्जा क्षेत्र को शामिल किया गया है. ईरान से तेल आयात नहीं रोकने वाले यूरोप, एशिया और अन्य देशों पर जुर्माना भी तय किया है. अमेरिका इससे पहले चाहता था कि भारत सहित सभी देश ईरान से पूरी तरह से तेल आयात बंद करें, लेकिन यदि ऐसा होता तो कच्चे तेल के बाजार में भारी उठापटक होने का खतरा बढ़ जाता. संभवत: यह विचार कर कुछ देशों को इसमें छूट दी गई है, ताकि वह धीरे-धीरे ईरान से तेल की खरीदारी बंद कर सकें.
VIDEO: अमेरिका-ईरान के बीच ऐटमी डील टूटने का असर भारत पर भी
भारत दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा बड़ा उपभोक्ता देश है. अपनी कुल जरूरत का 80 प्रतिशत आयात के जरिये पूरा करता है. इराक और सउदी अरब के बाद ईरान भारत का तीसरा बड़ा आपूर्तिकर्ता देश है.
(इनपुट: भाषा)
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पोम्पियो ने इन आठ देशों की सूची की घोषणा की है, जिन्हें ईरान से तेल आयात प्रतिबंध में छूट दी गई है. हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ईरान पर दबाव बनाने के लिए अमेरिका हर संभव प्रयास करता रहेगा. पोम्पियो ने जिन आठ देशों की सूची जारी की है उनमें भारत, चीन, जापान के साथ ही इटली, यूनान, दक्षिण कोरिया, ताइवान और तुर्की भी शामिल है.
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अमेरिका ने ईरान सरकार के व्यवहार में बदलाव लाने के लिए उस पर अब तक के सबसे सख्त प्रतिबंध लगाए हैं. इन प्रतिबंधों के तहत ईरान के बैंक और ऊर्जा क्षेत्र को शामिल किया गया है. ईरान से तेल आयात नहीं रोकने वाले यूरोप, एशिया और अन्य देशों पर जुर्माना भी तय किया है. अमेरिका इससे पहले चाहता था कि भारत सहित सभी देश ईरान से पूरी तरह से तेल आयात बंद करें, लेकिन यदि ऐसा होता तो कच्चे तेल के बाजार में भारी उठापटक होने का खतरा बढ़ जाता. संभवत: यह विचार कर कुछ देशों को इसमें छूट दी गई है, ताकि वह धीरे-धीरे ईरान से तेल की खरीदारी बंद कर सकें.
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भारत दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा बड़ा उपभोक्ता देश है. अपनी कुल जरूरत का 80 प्रतिशत आयात के जरिये पूरा करता है. इराक और सउदी अरब के बाद ईरान भारत का तीसरा बड़ा आपूर्तिकर्ता देश है.
(इनपुट: भाषा)
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