
वाशिंगटन:
भारत एवं अमेरिका के अधिकारियों ने सागरों की पारिस्थितिकी प्रणालियों की रक्षा करने एवं 'नीली अर्थव्यवस्था' (ब्ल्यू इकोनॉमी) के माध्यम से स्थायी विकास को प्रोत्साहित करने के लिए वार्ता की.
दोनों पक्षों ने शुक्रवार को यहां हुई वार्ता के दौरान नीली अर्थव्यवस्था, मत्स्य सुरक्षा एवं विशेष आर्थिक क्षेत्रों में संयुक्त अन्वेषण समेत स्थायी समुद्री संसाधन प्रबंधन में सहयोग के विस्तृत क्षेत्रों पर वार्ता की.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि अब तक की पहली अमेरिकी भारतीय सागर वार्ता वर्ष 2015 में हुई पहली भारत अमेरिका सामरिक एवं वाणिज्यिक वार्ता के दौरान सागरों के पारिस्थितिकी तंत्रों की रक्षा करने एवं 'नीली अर्थव्यवस्था' के ज़रिये स्थायी विकास को प्रोत्साहित के लिए गए निर्णयों का हिस्सा है.
अमेरिका का प्रतिनिधित्व ब्यूरो ऑफ ओशन एंड इंटरनेशनल एनवायरमेंटल एंड साइंटिफिक अफेयर्स के कार्यवाहक सहायक सचिव जूडिथ जी. गार्बर और भारत का प्रतिनिधित्व संयुक्त सचिव मुनु महावर ने किया.
विज्ञप्ति के अनुसार, समुद्री सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए अमेरिका की ओर से विदेश मंत्रालय, अमेरकी तटरक्षक, नेशनल ओशनिक एंड एटमोस्फेरिक एजेंसी एवं नेशनल साइंस फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
दोनों पक्षों ने शुक्रवार को यहां हुई वार्ता के दौरान नीली अर्थव्यवस्था, मत्स्य सुरक्षा एवं विशेष आर्थिक क्षेत्रों में संयुक्त अन्वेषण समेत स्थायी समुद्री संसाधन प्रबंधन में सहयोग के विस्तृत क्षेत्रों पर वार्ता की.
विज्ञप्ति में कहा गया है कि अब तक की पहली अमेरिकी भारतीय सागर वार्ता वर्ष 2015 में हुई पहली भारत अमेरिका सामरिक एवं वाणिज्यिक वार्ता के दौरान सागरों के पारिस्थितिकी तंत्रों की रक्षा करने एवं 'नीली अर्थव्यवस्था' के ज़रिये स्थायी विकास को प्रोत्साहित के लिए गए निर्णयों का हिस्सा है.
अमेरिका का प्रतिनिधित्व ब्यूरो ऑफ ओशन एंड इंटरनेशनल एनवायरमेंटल एंड साइंटिफिक अफेयर्स के कार्यवाहक सहायक सचिव जूडिथ जी. गार्बर और भारत का प्रतिनिधित्व संयुक्त सचिव मुनु महावर ने किया.
विज्ञप्ति के अनुसार, समुद्री सुरक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए अमेरिका की ओर से विदेश मंत्रालय, अमेरकी तटरक्षक, नेशनल ओशनिक एंड एटमोस्फेरिक एजेंसी एवं नेशनल साइंस फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
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