प्रतीकात्मक फोटो
इस्लामाबाद:
पाकिस्तान ने सोमवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच हुए साजोसामान समझौते ने ‘एशियाई सदी’ के विचार को खतरे में डाल दिया है. उक्त समझौते के तहत दोनों देश मरम्मत एवं पुन:आपूर्ति के लिए एक-दूसरे की सैन्य परिसम्पत्तियों और ठिकानों का इस्तेमाल कर सकते हैं.
पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) नासिर जंजुआ ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते सहयोग ने ‘एशियाई सदी’ के विचार को खतरे में डाल दिया है, जिसमें गत वर्ष अगस्त में दोनों देशों के बीच होने वाला ‘लॉजिस्टिक एक्सचेंज मेमोरेंडम आफ एग्रिमेंट’ (एलईएमओए) शामिल है.
एलईएमओए समझौते के तहत भारत और अमेरिका मरम्मत और पुन:आपूर्ति के लिए एक-दूसरे के जमीनी, हवाई या नौसैनिक ठिकानों का इस्तेमाल कर सकते हैं. उन्होंने यह बात ‘मेरीटाइम सिक्युरिटी इन द इंडियन ओशन: चैलेंजेज एंड प्रोस्पेक्ट्स फॉर पाकिस्तान’ विषयक एक सम्मेलन में कही.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) नासिर जंजुआ ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते सहयोग ने ‘एशियाई सदी’ के विचार को खतरे में डाल दिया है, जिसमें गत वर्ष अगस्त में दोनों देशों के बीच होने वाला ‘लॉजिस्टिक एक्सचेंज मेमोरेंडम आफ एग्रिमेंट’ (एलईएमओए) शामिल है.
एलईएमओए समझौते के तहत भारत और अमेरिका मरम्मत और पुन:आपूर्ति के लिए एक-दूसरे के जमीनी, हवाई या नौसैनिक ठिकानों का इस्तेमाल कर सकते हैं. उन्होंने यह बात ‘मेरीटाइम सिक्युरिटी इन द इंडियन ओशन: चैलेंजेज एंड प्रोस्पेक्ट्स फॉर पाकिस्तान’ विषयक एक सम्मेलन में कही.
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