वाशिंगटन:
पाकिस्तान और भारत ने जल विवाद पर अमेरिका में दो दिवसीय वार्ता की, जिससे उम्मीद की जा रही है कि दोनों देश इस मुद्दे पर आगे और तनाव से बचेंगे. डॉन समाचार पत्र के मुताबिक, जल व बिजली सचिव यूसुफ नसीम खोखर ने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई की. इसमें तकनीकी जानकार भी शामिल थे. दो दिवसीय वार्ता मंगलवार को विश्व बैंक के मुख्यालय में संपन्न हुई.
जल संसाधन मंत्रालय के सचिव अमरजीत सिंह ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई की. भारतीय दल में विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि भी शामिल थे. यह बैठक किशनगंगा व रातले जल विद्युत परियोजना के विवाद को सुलझाने के लिए विश्व बैंक के प्रयास का हिस्सा थी. इस परियोजना का निर्माण भारत जम्मू एवं कश्मीर में कर रहा है.
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पाकिस्तान ने दोनों परियोजनाओं का विरोध करते हुए कहा कि योजनाएं 1960 के सिंधु जल संधि का उल्लंघन है. दोनों देशों ने इस परियोजना पर अंतिम बातचीत मार्च में पाकिस्तान में की थी.
परियोजना से सिंधु नदी की तीन सहायक नदियों के पानी का इस्तेमाल 912,000 एकड़ भूमि की सिंचाई के लिए हो सकेगा तथा 18,600 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा. पाकिस्तान का कहना है कि परियोजना से समझौते में उसकी हिस्सेदारी पर असर पड़ेगा.
जल संसाधन मंत्रालय के सचिव अमरजीत सिंह ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई की. भारतीय दल में विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि भी शामिल थे. यह बैठक किशनगंगा व रातले जल विद्युत परियोजना के विवाद को सुलझाने के लिए विश्व बैंक के प्रयास का हिस्सा थी. इस परियोजना का निर्माण भारत जम्मू एवं कश्मीर में कर रहा है.
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पाकिस्तान ने दोनों परियोजनाओं का विरोध करते हुए कहा कि योजनाएं 1960 के सिंधु जल संधि का उल्लंघन है. दोनों देशों ने इस परियोजना पर अंतिम बातचीत मार्च में पाकिस्तान में की थी.
परियोजना से सिंधु नदी की तीन सहायक नदियों के पानी का इस्तेमाल 912,000 एकड़ भूमि की सिंचाई के लिए हो सकेगा तथा 18,600 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा. पाकिस्तान का कहना है कि परियोजना से समझौते में उसकी हिस्सेदारी पर असर पड़ेगा.
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