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This Article is From Oct 29, 2022

ISI प्रमुख के बयान पर बोले इमरान खान, “मैं मौन रहूंगा, देश को ‘नुकसान’ नहीं पहुंचाना चाहता”

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान (Imran Khan) ने कहा, ‘‘आईएसआई (ISI) के डीजी ध्यान से सुनो, चीजों को मैं जानता हूं, अपने संस्थानों और देश के लिए मैं ‘मौन’ रहा. मैं अपने देश को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता.’’

ISI प्रमुख के बयान पर बोले इमरान खान, “मैं मौन रहूंगा,  देश को ‘नुकसान’ नहीं पहुंचाना चाहता”
आईएसआई प्रमुख के बयान पर इमरान खान खान ने प्रतिक्रिया दी है.
इस्लामाबाद:

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Former PM Imran Khan) ने शुक्रवार को कहा कि वह ‘मौन' रहेंगे क्योंकि वह देश और इसकी संस्थाओं को ‘नुकसान' नहीं पहुंचाना चाहते. इमरान का यह बयान पाकिस्तान (Pakistani) की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के प्रमुख की उस टिप्पणी के एक दिन बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि इस साल मार्च में राजनीतिक उथल-पुथल के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार का समर्थन करने के बदले पाकिस्तानी सेना (Pakistan Army) के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को बहुत ही ‘आकर्षक प्रस्ताव' दिया था.

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान ने कहा, ‘‘आईएसआई के डीजी ध्यान से सुनो, चीजों को मैं जानता हूं, अपने संस्थानों और देश के लिए मैं ‘मौन' रहा. मैं अपने देश को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहता.'' लाहौर के मशहूर लिबर्टी चौक पर जल्द आम चुनाव कराने की मांग को लेकर इस्लामाबाद के लिए अपना विरोध मार्च शुरू करने के बाद पार्टी समर्थकों को संबोधित करते हुए इमरान ने कहा कि उनके मार्च का मकसद राजनीति या निजी फायदे के लिए नहीं है, बल्कि इसका असल मकसद वास्तविक आजादी हासिल करना है. उन्होंने आश्वस्त किया कि सभी निर्णय पाकिस्तान में लिये गये ना कि लंदन या वाशिंगटन में.

इमरान ने बृहस्पतिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह केवल एक पक्षीय था और उन्होंने केवल इमरान खान के बारे में बात की, लेकिन सरकार में शामिल ‘चोरों' के खिलाफ कभी एक शब्द तक नहीं बोला.

इमरान ने कहा कि वह पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के प्रमुख नवाज शरीफ के विपरीत इस तरीके से नहीं रहे कि या तो यहां रहकर शांति से चुप बैठें या फिर लंदन में बैठकर सेना की आलोचना करें. इमरान ने कहा, ‘‘मैं इस देश को नहीं छोड़ने जा रहा. मैं इसी देश में जीऊंगा और मरूंगा.'' इमरान ने कहा कि यदि इस आयातित सरकार के ‘चोरों' के आका और सहयोगी यह समझते हैं कि सरकार को हमें स्वीकार कर लेना चाहिए तो वे सुन लें, यह देश हर कुर्बानी दे देगा लेकिन इन चोरों को कभी नहीं स्वीकार करेगा.

खान ने वादा किया मार्च शांतिपूर्ण रहेगा. उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा मार्च कानून के अनुरूप होगा, हम कोई कानून नहीं तोड़ेंगे, हम उच्च सुरक्षा वाले रेड जोन में नहीं घुसेंगे और केवल उस इलाके में जायेंगे जिसे उच्चतम न्यायालय ने विरोध प्रदर्शन के लिए निर्धारित किया है.''

पीटीआई प्रमुख इमरान खान (70 वर्ष) के इस्लामाबाद चार नवंबर को पहुंचने की योजना है. उन्होंने अपनी पार्टी को रैली आयोजित करने के लिए सरकार से औपचारिक अनुमति देने का अनुरोध किया है. उनकी पार्टी ने इस विरोध को ‘हकीकी आजादी मार्च' नाम दिया है जिसका अर्थ है देश की असल आजादी के लिए मार्च.यह स्पष्ट नहीं है कि क्या वह रैली के बाद वापस चले जायेंगे या फिर संसद भवन के सामने धरना प्रदर्शन करेंगे जैसा कि उन्होंने वर्ष 2014 में विरोध प्रदर्शन के दौरान किया था जब उनके समर्थकों ने संसद भवन के सामने 126 दिनों तक धरना दिया था.

इस्लामाबाद में आंतरिक मामलों (गृह मंत्रालय) के मंत्री राणा सनाउल्लाह ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) नीत गठबंधन सरकार ने सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किये हैं ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे. पीटीआई को आगाह किया गया है कि शांति व्यवस्था में गड़बड़ी के किसी भी तरह के प्रयास से कड़ाई के साथ निपटा जायेगा.''

इसके जवाब में पीटीआई के महासचिव असद उमर ने लाहौर में मीडिया से कहा कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहेगा और ‘अब से सभी निर्णय लोगों द्वारा लिये जाएंगे'. उन्होंने कहा कि पार्टी ने निर्णय लिया है कि इस मार्च को मारे गये पत्रकार अर्शद शरीफ को समर्पित किया जायेगा.

देश में, केन्या में पत्रकार शरीफ के मारे जाने को लेकर तरह-तरह की चर्चा है और सैन्य बलों पर अप्रत्यक्ष आरोप लगाये गये हैं. पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने लोगों से मार्च में शामिल होने की अपील की, भले ही वे पीटीआई से संबद्ध न हों. संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली का कार्यकाल अगस्त 2023 में पूरा होगा और नये चुनाव 60 दिनों के भीतर होने चाहिए.

अधिकारियों ने बताया कि आतंरिक मामलों के मंत्रालय (गृह मंत्रालय) ने प्रदर्शनकारियों को संसद भवन के पास रेड-जोन इलाके में नहीं घुसने देने के लिए पहले से ही इस्लामाबाद में 30 हजार के करीब पुलिस, रेंजर और अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात करने का फैसला किया है. इस मार्च का ऐलान इमरान खान ने गत मंगलवार को किया था.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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