पाकिस्तान सीनेट में विपक्ष ने इमरान खान सरकार को तहरीक-ए-तालिबान से बातचीत पर सवालों के घेरे में लिया, लोकल मीडिया ने यह रिपोर्ट किया. सीनेट के पूर्व अध्यक्ष और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के कद्दावर नेता मियां रजा रब्बानी ने इस बात को रेखांकित किया कि प्रतिबंधित संगठन से बातचीत करने पर निर्णय संसद में लिया जाना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि अगर इसी तरह संसद की तौहीन करनी है तो बेहतर होगा कि संसद पर ताला लगा दिया जाए. पीपीपी नेता ने यह भी आरोप लगाया कि राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर किए जा रहे तमाम निर्णयों से पहले न तो संसद और न ही सीनेट को भरोसे में लिया जा रहा है.
पाकिस्तान : इमरान खान की मुश्किलें बढ़ीं, महंगाई के मसले पर सरकार के खिलाफ समूचा विपक्ष एकजुट
इससे पहले पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने कहा था कि सरकार टीटीपी के साथ समझौते पर पहुंच गई है और सीजफायर पर सहमति बन गई है. टीटीपी 2007 से पाकिस्तान के कई हिस्सों में सक्रिय है और देश में कई हमलों और धमाकों को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार है.
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