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This Article is From Oct 05, 2022

“सबसे बड़े झूठे हैं Imran Khan, Pakistan में घोला ज़हर" : PM शहबाज़ शरीफ ने इंटरव्यू में साधा निशाना

“इमरान खान (Imran khan) ने समाज में काफी जहर घोल दिया और इसका बेहद ध्रुवीकरण कर दिया है जितना पहले कभी नहीं था…वह तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं और नफरत फैला रहे हैं.” :- पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (PM Shehbaz Sharif)

“सबसे बड़े झूठे हैं Imran Khan, Pakistan में घोला ज़हर" : PM शहबाज़ शरीफ ने इंटरव्यू में साधा निशाना
इमरान खान ने “मतदाताओं का खतरनाक ध्रुवीकरण” करने के लिए समाज में जहर घोला: Pakistan PM (File Photo)
इस्लामाबाद:

पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (PM Shehbaz Sharif) ने देश पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) पर देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए उन्हें “धरती पर सबसे बड़ा झूठा” करार दिया. उन्होंने कहा कि इमरान खान ने अप्रैल में सत्ता से हटने के बाद “मतदाताओं का खतरनाक ध्रुवीकरण” करने के लिए समाज में जहर घोला. ब्रिटेन के ‘द गार्डियन' अखबार को दिए साक्षात्कार में शरीफ ने 2018 से इस साल अप्रैल तक खान के शासन के दौरान देश को घरेलू और विदेशी मोर्चे पर हुए “नुकसान” के बारे में बात की.

इमरान खान ने बार-बार आरोप लगाया था कि उन्हें पद से हटाने के लिए  अमेरिका द्वारा उनके खिलाफ एक “विदेशी साजिश” रची गई थी और इसे साबित करने के लिए एक राजनयिक संदेश होने का दावा किया था. अमेरिका ने उनके सत्ता से निष्कासन में किसी भी भूमिका से इनकार किया है. 

पिछले हफ्ते खान द्वारा प्रधानमंत्री रहते हुए अपने कार्यालय में आयोजित निजी अनौपचारिक बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग इंटरनेट पर लीक होने के बाद यह मुद्दा और बढ़ गया था. कथित लीक ऑडियो में वह इस बारे में बात कर रहे हैं कि अप्रैल में नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव में उनके निष्कासन को एक साजिश के रूप में पेश करने के लिए वाशिंगटन में पाकिस्तानी दूत के कूट लेख का कैसे फायदा उठाया जाए.

शरीफ ने कहा कि लीक हुए ऑडियो क्लिप इस बात का “एक अकाट्य सबूत है कि वह (खान) दुनिया के सबसे बड़े झूठे हैं. मैं यह खुशी के साथ नहीं बल्कि शर्मिंदगी और चिंता की भावना से कह रहा हूं. निजी स्वार्थ के लिए कहे गए इन झूठों से मेरे देश की छवि को काफी नुकसान पहुंचा है.”

बढ़ती मुद्रास्फीति, आसमान छूते विदेशी कर्ज और घटते विदेशी मुद्रा भंडार से जूझ रहा पाकिस्तान वर्तमान में एक अभूतपूर्व आर्थिक संकट के बीच में है. पाकिस्तान अभूतपूर्व बाढ़ की भी चपेट में है. पाकिस्तान में बाढ़ से 1,600 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और 3.3 करोड़ से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.

बाढ़ से देश का करीब एक तिहाई भू-भाग डूब गया और करीब 30 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ है.

शरीफ (71) ने खान को “झूठा और धोखेबाज” करार दिया जिनकी नीतियों ने अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया था.

उन्होंने भ्रष्टाचार विरोधी घोषणापत्र पर चलने वाले खान पर अपने निजी एजेंडे के अनुरूप देश के मामलों का संचालन इस तरह से करने का आरोप लगाया जिसका उल्लेख “देश के इतिहास में सबसे अनुभवहीन, आत्म-केंद्रित, अहंकारी, अपरिपक्व राजनेता” के रूप में किया जा सकता है.

खान को अप्रैल में संसद में अविश्वास मत हारने के बाद सत्ता से बाहर होना पड़ा था हालांकि उन्हें इसे अमेरिका के नेतृत्व में उन्हें निशाना बनाने की साजिश करार दिया था क्योंकि वह रूस, चीन और अफगानिस्तान को लेकर विदेश नीति संबंधी स्वतंत्र फैसले कर रहे थे.

अखबार ने कहा कि शरीफ ने स्वीकार किया कि खान के सड़कों पर लोगों को लामबंद करने के दौरान उन्हें पाकिस्तान पर शासन करने में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ा. शरीफ ने कहा, “पहले कभी भी मुझे अपने देश के भविष्य की चिंता नहीं थी।”

उन्होंने कहा, “इमरान खान ने समाज में काफी जहर घोल दिया और इसका बेहद ध्रुवीकरण कर दिया है जितना पहले कभी नहीं था…वह तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं और नफरत फैला रहे हैं.”

पाकिस्तान के मंत्रिमंडल ने ऑडियो लीक मामले की कानूनी जांच का आदेश दिया है.

शरीफ ने कहा कि खान को “सोच समझ कर किए गए इन सभी आपराधिक कृत्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए.”

शरीफ ने कहा, “खान ने बिना किसी तुक या कारण के अमेरिका के साथ पाकिस्तान के संबंधों को नुकसान पहुंचाया है.”

शरीफ ने सरकार में अपने भाई नवाज शरीफ की भागीदारी के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा, “बेशक, मैं नवाज से सलाह लेता हूं, वह मेरे नेता और मेरे बड़े भाई हैं.” उन्होंने कहा, “लेकिन उन्होंने मुझे निर्णय लेने के लिए पूरी तरह से छूट दे रखी है.”

नवाज शरीफ को पद से अयोग्य घोषित कर दिया गया था और भ्रष्टाचार के आरोपों में 10 साल जेल की सजा सुनाई गई थी. नवाज ने कहा था कि यह राजनीति से प्रेरित था. उन्हें 2021 में इलाज के लिए लंदन जाने के लिए अस्थायी जमानत दी गई थी और वे कभी वापस नहीं आए. अब उनके बारे में कहा जाता है कि वह मध्य लंदन में रहकर पार्टी को नियंत्रित करते हैं. वहीं प्रधानमंत्री शरीफ पिछले महीने दो बार लंदन दौरे पर गए थे.

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