एक पुरानी कहावत है कि किसी युद्ध में अपने दुश्मन को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए. रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच मॉस्को में जो स्कूटर धमाका हुआ वो इसी कहावत को काफी हद तक सही साबित करता दिख रहा है. इस धमाके में यूक्रेन ने रूसी सेना के लिफ्टिनेंट जनरल किरीलोव की हत्या कर दी है. हालांकि, रूस ने इस युद्ध में यूक्रेन को कभी हल्के में नहीं लिया हो लेकिन अपने अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर बरती गई जरा सी ढिलाई भी उसे काफी भारी पड़ी है. मॉस्को में किए गए स्कूटर धमाके को लेकर रूसी जांच एजेंसी ने जो अब खुलासे किए हैं वो बेहद हैरान करने वाले हैं. रूसी जांच एजेंसी के खुलासे से ये तो साफ हो गया है कि यूक्रेन इस युद्ध में कहीं से भी खुदको बैकफूट पर नहीं रखने वाला है. यही वजह है कि उसने इस धमाके की योजना को सोच समझकर रची.
रिमोट कंट्रोल से बम को किया गया था एक्टिव
रूसी मीडिया में छपी खबरों के अनुसार मंगलवार को मॉस्को में यूक्रेन ने जिस बम धमाके को अंजाम दिया है उसकी योजना काफी पहले से बनाई जा रही थी. रूसी जांच एजेंसी की छानबीन में पता चला है कि रूसी लेफ्टिनेंट जनरल की हत्या के लिए जिस बम का इस्तेमाल किया गया था, उसे रिमोट कंट्रोल की मदद से एक्टिव किया गया था. यूक्रेन ने इस बम को रूसी जनरल के घर के बाहर एक स्कूटर में प्लांट किया था. लेफ्टिनेंट जनरल किरीलोव जैसे ही सुबह की सैर के लिए बाहर निकले तो इस बम को एक्टिव कर दिया गया. इस धमाके में रूस के लेफ्टिनेंट जनरल किरीलोव की मौत हो गई. धमाका इतना दमदार था कि इसका असर आसपास की इमारतों पर भी दिखा है. कई इमारतों की खिड़कियां टूट गई हैं तो कई जगहों पर दीवारें टूट गई हैं.
2022 के बाद सबसे बड़े रूसी अधिकारी की हत्या
रूस और यूक्रेन के बीच 2022 में शुरू हुए युद्ध के बाद यह पहला मौका है कि रूस के अंदर किसी इतने बड़े रैंक के सैन्य अधिकारी की हत्या की गई हो. यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसी (एसबीयू) से जुड़े सूत्रों के अनुसार किरीलोव उनके निशाने पर लंबे समय से थे. यूक्रेन ने रूसी जनरल की हत्या को लेकर कहा है कि किरीलोव 'प्रतिबंधित रासायनिक हथियारों' के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल के लिए जिम्मेदार थे. यूक्रेन के एसबीयू सुरक्षा सेवा से जुड़े सूत्रों ने दावा किया है कि रूस ने जनरल के नेतृत्व में पांच हजार के करीब रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया गया है. हालांकि, रूस ने इन तमाम आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.
उसने फरवरी 2022 में अपने पूर्ण पैमाने पर आक्रमण के बाद से 4,800 से अधिक अवसरों को दर्ज किया है जब रूस ने युद्ध के मैदान पर रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया था। मई में, अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि उसने पहली बार तैनात की गई जहरीली गैस क्लोरोपिक्रिन का उपयोग दर्ज किया था। प्रथम विश्व युद्ध में, यूक्रेनी सैनिकों के विरुद्ध। रूस ने इससे इनकार किया है और बदले में कीव पर युद्ध में जहरीले एजेंटों का उपयोग करने का आरोप लगाया है।
यूक्रेन ने जारी किया वीडियो
यूक्रेन ने किरीलोव की हत्या को लेकर एक वीडियो भी जारी किया है. इस वीडियो में दिख रहा है कि मॉस्को में धमाके से ठीक पहले दो लोग एक इमारत से बाहर निकलते दिख रहे हैं. वो जैसे ही स्कूटर के पास पहुंचे तो उसमें एक तेज धमाका हुआ, इस धमाके में रूसी सेना के लिफ्टिनेंट जनरल किरीलोव की मौत हो गई. इस हमले में उनके एक सहयोगी की मौत हुई है.
रूस इस हमले को एक आतंकी घटना के तौर पर देख रही है
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मॉस्को में हुए स्कूटर ब्लॉस्ट में अपने शीर्ष अधिकारी की मौत की घटना को रूस एक आतंकी घटना के तौर पर देख रही है. रूसी जांच एजेंसी फिलहाल इस घटना की जांच कर रही है. वहीं, जहां एक तरफ जहां रूस अभी जांच कर ही रही है वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन ने इस धमाके में अपना हाथ होने की बात कही है.
यूक्रेन ने पहले भी कई लोगों की हत्या की है
यूक्रेन द्वारा किए गए लक्षित हमलों में कई प्रमुख व्यक्ति मारे गए हैं. रूसी टीवी चैनलों पर टिप्पणीकार और क्रेमलिन से जुड़े राष्ट्रवादी विचारक अलेक्जेंडर डुगिन की बेटी दरिया डुगिना की 2022 में एक कार विस्फोट में मृत्यु हो गई थी. इसके बारे में जांचकर्ताओं को संदेह था कि यह उसके पिता को निशाना बनाकर किया गया था. एक लोकप्रिय सैन्य ब्लॉगर व्लादलेन टाटार्स्की की अप्रैल 2023 में मृत्यु हो गई थी. उनकी मौत उस वक्त हुई थी जब सेंट पीटर्सबर्ग में एक पार्टी में उन्हें दी गई एक मूर्ति में एकाएक विस्फोट हो गया था. वहीं, दिसंबर 2023 में, पूर्व मास्को समर्थक यूक्रेनी सांसद इलिया क्यवा, जो रूस भाग गए थे, की मास्को के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई.
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