लोगों को सुझाव एवं टिप्पणी देने के लिए 60 दिन का समय दिया जाएगा.
वाशिंगटन:
अगर आप अमेरिकी वीजा प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको उनकी सख्त गाइडलाइन को फॉलो करना पड़ेगा. अमेरिका ने अपने वीजा पॉलिसी को थोड़ा सा और टफ बना दिया है. इसके तहत अमेरिका के वीजा का आवदेन करने वालों को अब अपने पुराने मोबाइल नंबरों, ईमेल आईडी और सोशल मीडिया का इतिहास समेत कई अन्य जानकारियां भी मुहैया करानी होंगी. ट्रंप प्रशासन ने वीजा प्रावधानों को कठिन बनाने की मुहिम शुरू की है ताकि देश के लिए खतरा बन सकने वाले लोगों कोयहां आने से रोका जा सके.
फेडरल रजिस्टर पर शुक्रवार को प्रकाशित एक दस्तावेज के अनुसार गैर- शरणार्थी वीजा पर अमेरिका आने की इच्छा रखने वाले हर इंसान को सवालों की एक सूची का जवाब देना होगा. गृह विभाग का आकलन है कि नये नियमों से 7.1 लाख शरणार्थी वीजा आवेदक तथा 1.4 करोड़ गैर- शरणार्थी वीजा आवेदक प्रभावित होंगे.
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इसमें कहा गया है कि वीजा आवेदकों को विभिन्न सोशल मीडिया के यूजरनेम और मौजूदा फोन नंबर की जानकारी समेत पिछले पांच साल के दौरान इस्तेमाल किये सभी मोबाइल नंबरों की भी जानकारी देनी होगी.
दस्तावेज में कहा गया है कि इनके अलावा लोगों से पिछले पांच साल के दौरान इस्तेमाल किये गये सारे ईमेल आईडी तथा विदेशी यात्राओं की जानकारी देनी होगी. उन्हें यह भी बताना होगा कि उन्हें किसी देश से निकाला तो नहीं गया था या उनके परिवार का कोई सदस्य आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त तो नहीं था.
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इस दस्तावेज को औपचारिक तौर परसंभवत: आज प्रकाशित किया जा सकता है. औपचारिक प्रकाशन के बाद लोगों को इसके बारे में सुझाव एवं टिप्पणी देने के लिए 60 दिन का समय दिया जाएगा.
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फेडरल रजिस्टर पर शुक्रवार को प्रकाशित एक दस्तावेज के अनुसार गैर- शरणार्थी वीजा पर अमेरिका आने की इच्छा रखने वाले हर इंसान को सवालों की एक सूची का जवाब देना होगा. गृह विभाग का आकलन है कि नये नियमों से 7.1 लाख शरणार्थी वीजा आवेदक तथा 1.4 करोड़ गैर- शरणार्थी वीजा आवेदक प्रभावित होंगे.
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इसमें कहा गया है कि वीजा आवेदकों को विभिन्न सोशल मीडिया के यूजरनेम और मौजूदा फोन नंबर की जानकारी समेत पिछले पांच साल के दौरान इस्तेमाल किये सभी मोबाइल नंबरों की भी जानकारी देनी होगी.
दस्तावेज में कहा गया है कि इनके अलावा लोगों से पिछले पांच साल के दौरान इस्तेमाल किये गये सारे ईमेल आईडी तथा विदेशी यात्राओं की जानकारी देनी होगी. उन्हें यह भी बताना होगा कि उन्हें किसी देश से निकाला तो नहीं गया था या उनके परिवार का कोई सदस्य आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त तो नहीं था.
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इस दस्तावेज को औपचारिक तौर परसंभवत: आज प्रकाशित किया जा सकता है. औपचारिक प्रकाशन के बाद लोगों को इसके बारे में सुझाव एवं टिप्पणी देने के लिए 60 दिन का समय दिया जाएगा.
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