परेशानियों से घिरे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सोमवार को कहा कि न तो वह इस्तीफा देंगे और न ही छुट्टी पर जाएंगे, जबकि इमरान खान और ताहिर उल कादरी के नेतृत्व में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने पद छोड़ने के लिए उन पर दबाव बनाए रखा है।
राजनीतिक दलों के नेताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए नवाज शरीफ ने कहा कि वह इस तरह की परंपरा नहीं बनने देंगे कि कुछ लोग लाखों लोगों के जनादेश को बंधक बना लें।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने नवाज के हवाले से कहा, 'हमारे यहां संविधान का शासन है और हम किसी को भी इसे निष्प्रभाव नहीं करने देंगे।'
बैठक के बाद संयुक्त घोषणा में बताया गया कि पाकिस्तान का भविष्य लोकतंत्र में है और इससे विचलित होना पाकिस्तान संघ के लिए खतरनाक है।
नेताओं ने लोकतंत्र की रक्षा में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के संघर्ष में पूरा साथ देने की प्रतिबद्धता जताई।
रेडियो पाकिस्तान की खबर के मुताबिक संसद की सर्वोच्चता के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में सभी संसदीय दलों ने पक्ष बनने का निर्णय किया।
नेताओं ने संसद, प्रधानमंत्री आवास और पीटीवी पर हमले की कड़ी निंदा की।
उन्होंने कहा, 'ये हमले लोकतंत्र और देश पर हमले हैं।' सीनेट में विपक्ष के नेता ने घोषणा की कि अगर किसी ने प्रधानमंत्री आवास को घेरने की कोशिश की तो राजनीतिक नेतृत्व प्रधानमंत्री आवास में प्रधानमंत्री के साथ रहेगा।
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