
काहिरा:
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सीरिया के असद शासन के खिलाफ सीमित सैन्य कार्रवाई के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा है कि यह मामला अंतरराष्ट्रीय समुदाय की विश्वसनीयता का सवाल बन गया है और वह ‘बर्बरता’ को लेकर खामोश नहीं रह सकता।
दूसरी ओर, रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने सीरिया पर हमले को लेकर अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को आगाह किया है ओबामा ने स्टॉकहोम में स्वीडिश प्रधानमंत्री फ्रेद्रिक रेफील्त के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में आज कहा, ‘‘मैं और प्रधानमंत्री रेफील्त इससे सहमत हैं कि इस तरह की बर्बरता को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय खामोश नहीं रह सकता है। अगर कार्रवाई नहीं की गई तो और अधिक रासायनिक हमलों का खतरा बढ़ जाएगा तथा आशंका है कि दूसरे देश भी रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करने लगेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी विश्वसनीयता दांव पर नहीं है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की विश्वसनीयता दांव पर लगी है और अमेरिका तथा कांग्रेस की विश्वसनीयता दांव पर है क्योंकि हम सिर्फ बातें करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय नियम महत्वपूर्ण हैं।’’
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के खिलाफ लक्ष्मण रेखा उनकी ओर से नहीं खींची गई है, बल्कि यह खुद अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से खींची गई है।
अमेरिका का आरोप है कि सीरिया के असद शासन की ओर से बीते 21 अगस्त को किए गए रासायनिक हमले में 400 बच्चों सहित कम से कम 1,429 लोगों की मौत हो गई। सीरियाई सरकार ने रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल से इनकार किया है।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की अनुमति के बगैर कोई भी सैन्य कार्रवाई ‘आक्रमण’ होगी। उन्होंने असद शासन द्वारा रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के बारे में सबूत पेश करने का आह्वान किया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर बिना किसी संदेह के यह साबित हो जाए कि सीरियाई सरकार ने रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया है तो वह सैन्य कार्रवाई से संबंधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का समर्थन करने से गुरेज नहीं करेंगे।
सेंट पीटर्सबर्ग में जी-20 देशों की कल शुरू हो रही शिखर बैठक के पहले पुतिन का यह बयान सामने आया है। बैठक में वैश्विक अर्थव्यवस्था पर जोर रहने की उम्मीद है लेकिन इस आरोप पर भी गौर किये जाने की उम्मीद है कि सीरिया सरकार ने देश में जारी गृहयुद्ध में कथित तौर पर रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया।
अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों ने कहा है कि सीनेट की विदेश मामलों की समिति की ओर से सीरिया के बारे में तैयार किए गए प्रस्ताव में 60 दिन की सैन्य कार्रवाई की इजाजत दी गई है। यह प्रस्ताव आधिकारिक तौर पर जारी नहीं किया गया है।
ओबामा प्रशासन ने अमेरिकी सांसदों से कहा कि कथित रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल को लेकर यदि सीरिया के बशर अल असद शासन के खिलाफ कोई सैन्य कार्रवाई नहीं की जाती तो अमेरिका को न सिर्फ अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगी एवं मित्र देश खोने का जोखिम है, बल्कि विश्व मंच पर उसकी विश्वसनीयता पर भी बट्टा लग सकता है।
अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने अमेरिकी सीनेट से कहा, ‘यदि हम कार्रवाई करने में नाकाम रहते हैं तो हमारे सहयोगी देश घट जाएंगे। हमारे साथ ऐसे कम लोग होंगे जो हम पर भरोसा करेंगे, खासतौर पर क्षेत्र में।’
दूसरी ओर, रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने सीरिया पर हमले को लेकर अमेरिका और उसके सहयोगी देशों को आगाह किया है ओबामा ने स्टॉकहोम में स्वीडिश प्रधानमंत्री फ्रेद्रिक रेफील्त के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में आज कहा, ‘‘मैं और प्रधानमंत्री रेफील्त इससे सहमत हैं कि इस तरह की बर्बरता को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय खामोश नहीं रह सकता है। अगर कार्रवाई नहीं की गई तो और अधिक रासायनिक हमलों का खतरा बढ़ जाएगा तथा आशंका है कि दूसरे देश भी रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करने लगेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी विश्वसनीयता दांव पर नहीं है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की विश्वसनीयता दांव पर लगी है और अमेरिका तथा कांग्रेस की विश्वसनीयता दांव पर है क्योंकि हम सिर्फ बातें करते हैं कि अंतरराष्ट्रीय नियम महत्वपूर्ण हैं।’’
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के खिलाफ लक्ष्मण रेखा उनकी ओर से नहीं खींची गई है, बल्कि यह खुद अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से खींची गई है।
अमेरिका का आरोप है कि सीरिया के असद शासन की ओर से बीते 21 अगस्त को किए गए रासायनिक हमले में 400 बच्चों सहित कम से कम 1,429 लोगों की मौत हो गई। सीरियाई सरकार ने रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल से इनकार किया है।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की अनुमति के बगैर कोई भी सैन्य कार्रवाई ‘आक्रमण’ होगी। उन्होंने असद शासन द्वारा रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल के बारे में सबूत पेश करने का आह्वान किया। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर बिना किसी संदेह के यह साबित हो जाए कि सीरियाई सरकार ने रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया है तो वह सैन्य कार्रवाई से संबंधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का समर्थन करने से गुरेज नहीं करेंगे।
सेंट पीटर्सबर्ग में जी-20 देशों की कल शुरू हो रही शिखर बैठक के पहले पुतिन का यह बयान सामने आया है। बैठक में वैश्विक अर्थव्यवस्था पर जोर रहने की उम्मीद है लेकिन इस आरोप पर भी गौर किये जाने की उम्मीद है कि सीरिया सरकार ने देश में जारी गृहयुद्ध में कथित तौर पर रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल किया।
अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों ने कहा है कि सीनेट की विदेश मामलों की समिति की ओर से सीरिया के बारे में तैयार किए गए प्रस्ताव में 60 दिन की सैन्य कार्रवाई की इजाजत दी गई है। यह प्रस्ताव आधिकारिक तौर पर जारी नहीं किया गया है।
ओबामा प्रशासन ने अमेरिकी सांसदों से कहा कि कथित रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल को लेकर यदि सीरिया के बशर अल असद शासन के खिलाफ कोई सैन्य कार्रवाई नहीं की जाती तो अमेरिका को न सिर्फ अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगी एवं मित्र देश खोने का जोखिम है, बल्कि विश्व मंच पर उसकी विश्वसनीयता पर भी बट्टा लग सकता है।
अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी ने अमेरिकी सीनेट से कहा, ‘यदि हम कार्रवाई करने में नाकाम रहते हैं तो हमारे सहयोगी देश घट जाएंगे। हमारे साथ ऐसे कम लोग होंगे जो हम पर भरोसा करेंगे, खासतौर पर क्षेत्र में।’
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