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This Article is From May 20, 2015

हंगरी के लेखक लैस्जलो करास्जनाहोरकाई ने जीता मैन बुकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार

हंगरी के लेखक लैस्जलो करास्जनाहोरकाई ने जीता मैन बुकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार
लंदन: हंगरी के लेखक लैस्जलो करास्जनाहोरकाई को इस बार के द्विवर्षीय 'मैन बुकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार' के लिए चुना गया है। पुरस्कार समारोह का आयोजन मंगलवार की रात लंदन के विक्टोरिया एंड अलबर्ट म्यूजियम में किया गया। करास्जनाहोरकाई का चयन दुनियाभर के 10 लेखकों की सूची में से किया गया।

करास्जनाहोरकाई का जन्म 1954 में हुआ था। उन्हें अपनी कृति 'द मेलानचोली ऑफ रेसिस्टेंस' और 'सतनतैंगो' के लिए इस पुरस्कार के लिए चुना गया है। उन्हें हंगरी के सर्वोच्च सम्मान 'द कोस्सुथ पुरस्कार' से भी सम्मानित किया जा चुका है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, बुकर विजेता के पुरस्कारस्वरूप उन्हें लगभग 93,000 डॉलर दिए जाएंगे। दस लेखकों की सूची में लेबनान के लेखक होदा बरकात, गुआदली के मारसी कोंडे, मोजांबिक के मिया कोतो, लीबिया के इब्राहिम अल कोनी और दक्षिण अफ्रीका के मार्लिन वेन नीकर्क का नाम शामिल था।

लैस्जलो करास्जनाहोरकाई और ये सभी पांच लेखक उन देशों से हैं, जिन्हें पहली बार इस सूची में शामिल किया गया है। चार अन्य लेखकों में अर्जेंटीना का सीजर आईरा, भारतीय लेखक अमिताव घोष, अमेरिका के फेनी होव और कांगो गणराज्य के एलेन मवांको का नाम शामिल है।

वार्षिक पुरस्कार से अलग मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार का उद्देश्य उपन्यास के क्षेत्र में लेखक की उपलब्धियों की पहचान करना है। बुकर पुरस्कार 2015 के विजेता की घोषणा अक्टूबर में की जाएगी। यह दुनिया का अत्यधिक महत्वपूर्ण साहित्यिक पुरस्कार है।

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