हर शाम काठमांडू के एक बार में 20 साल की अनीता तमांग पेट भरने के लिए नाचने का काम करती है। नेपाल की राजधानी में उम्मीद लेकर आई अनीता पिछले दो महीने से इसी बार में नाच रही है।
इस साल 26 अप्रेल को नेपाल में आए भूकंप ने करीब 9000 लोगों की जान ले ली थी। काठमांडू से 70 किलोमीटर दूर सिंधुपालचौक में अनीता का घर भी इसी भूकंप से तबाह हो गया था।
अपनी बीमार मां और छोटे भाई की देखभाल के लिए अनीता, एक एजेंट के साथ राजधानी आ गयी जिसने उसे एक दफ्तर में नौकरी दिलवाने का वादा किया था।
एजेंट ने अनीता को इस बार में लाकर खड़ा कर दिया जहां उससे कहा गया कि उसे ग्राहकों को ड्रिंक परोसने का काम करना होगा लेकिन धीरे धीरे उसे बॉलीवुड गानों पर नाचने के लिए कहा जाने लगा।
लगातार 7 घंटे नाचती है अनीता
अनीता बताती है ग्राहक हमें तंग करता है, छूता है और हमें एक रात के लिए बाहर भी ले जाता है। ज्यादातर इन ग्राहकों में युवा नेपाली ही होते हैं लेकिन कभी कभी भारत और दूसरे देशों से आए पर्यटक भी इस बार में पहुंच जाते हैं।
बिना किसी छुट्टी के हर शाम 7 घंटे नाचने के बाद अनीता ने दो महीने में 8 हज़ार नेपाली रुपये कमाए हैं यानी 5 हज़ार भारतीय रुपये। इसमें से ज्यादातर रकम वह घर भेज देती है।
यहां से बचकर निकलने के बारे में अनीता का कहना है 'मैंने कई बार कोशिश की लेकिन मैनेजर जाने नहीं देता। जब हम बीमार होते हैं तो वो हमारे घर आ जाता है और गुंडो से पिटाई करवाने की धमकी भी देता है। वो हमारा बलात्कार करके सड़क पर फेंक देने की धमकी भी देता है।'
50 हज़ार लड़कियां बार में नाचती हैं
महिलाओं की तस्करी के खिलाफ काम करने वाली गैर सरकारी संस्था 'चेंज नेपाल' ने अनीता को बचाने का जिम्मा अपने हाथ में लिया है। इस संस्था का कहना है कि अनीता जैसी करीब 50 हज़ार युवतियां काठमांडू के बार और नाइटकल्ब में काम करती हैं, इनमें से कईयों को तो बेच भी दिया जाता है।
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार नेपाल से हर साल करीब 7 हज़ार युवतियों को सीमा पार करके भारत भेजा जाता है। गैर सरकारी संस्थानों का मानना है कि भूकंप की वजह से 5 लाख घरों को नुकसान पहुंचा है, साथ ही नेपाल में आय के मुख्य स्त्रोत पर्यटन को भी काफी धक्का पहुंचा है। इस वजह से महिला तस्करी का मामला बढ़ भी गया है।
'कहीं भी लड़की को भेज सकते हैं'
यह रिपोर्टर, अंडरकवर बनकर सोनम भाई और उसके एक साथ से मिला जिनका दावा था कि वह दुनिया के किसी भी कोने में महिलाओं को भेज सकता है। तस्करी करने वाले का कहना था कि पासपोर्ट मिलने में एक महीने का वक्त लगेगा और साथ में एक लाख रुपए।
नेपाल के राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के मुताबिक पिछले ढाई साल में करीब 3000 नेपाली महिलाओं को अलग-अलग देशों से बचाकर लाया गया है। कईयों को तो बलात्कार और प्रताड़ित किया गया है कि घर लौटने के बाद भी वह सदमें में है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं