ब्रूसेल्स:
अफगानिस्तान से फ्रांस की सेना को जल्द वापस बुलाने का वायदा करने वाले नवनिर्वाचित राष्ट्रपति फ्रांक्वा होलांदे को अब नाटो सहयोगियों को इस बात के लिए आश्वस्त करना होगा कि उनकी योजना से युद्ध की रणनीति पर प्रभाव नहीं पड़ेगा।
होलांदे ने राष्ट्रपति पद के लिए अपने चुनावी अभियान में वायदा किया था कि इस वर्ष अफगानिस्तान से 3,300 फ्रांसिसी सैनिकों को वापस बुलाने का काम शुरू कर देंगे और वह अफगानिस्तान की सुरक्षा 2014 तक वहां के सुरक्षाकर्मियों को सौंपने की नाटो की योजना से दो वर्ष पहले अपने देश की लड़ाकू भूमिका समाप्त करना चाहते हैं।
होलांदे ने पिछले सप्ताह कहा था, ‘‘मैं समझता हूं कि हमारे सैनिकों के लिए कोई खतरा मोल नहीं लेते हुए यह सही होगा कि हम 2012 के अंत तक अपनी सेना को वापस बुला लें।’’ राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के कुछ दिनों बाद समाजवादी नेता शिकागो में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की मेजबानी में 20, 21 मई को आयोजित समारोह में नाटो देशों के नेताओं को यह संदेश देंगे।
नाटो सैन्य अधिकारियों ने कहा कि होलांदे के हाथों राष्ट्रपति निकोलस सारकोजी की पराजय की स्थिति से निपटने के लिए गठबंधन ने योजना बनाई है।
बहरहाल, एक राजनयिक ने कहा कि फ्रांस के नये नेता के रूख का गठबंधन के मुख्यालय में गर्मजोशी से स्वागत नहीं किया गया।
अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता दौलत वजीरी ने कहा, ‘‘ अगर फ्रांस के सैनिक इस वर्ष के अंत तक वापस लौट जाते हैं तो हम चिंतित होंगे लेकिन हम इस निर्णय का सम्मान करेंगे।’’
होलांदे ने राष्ट्रपति पद के लिए अपने चुनावी अभियान में वायदा किया था कि इस वर्ष अफगानिस्तान से 3,300 फ्रांसिसी सैनिकों को वापस बुलाने का काम शुरू कर देंगे और वह अफगानिस्तान की सुरक्षा 2014 तक वहां के सुरक्षाकर्मियों को सौंपने की नाटो की योजना से दो वर्ष पहले अपने देश की लड़ाकू भूमिका समाप्त करना चाहते हैं।
होलांदे ने पिछले सप्ताह कहा था, ‘‘मैं समझता हूं कि हमारे सैनिकों के लिए कोई खतरा मोल नहीं लेते हुए यह सही होगा कि हम 2012 के अंत तक अपनी सेना को वापस बुला लें।’’ राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के कुछ दिनों बाद समाजवादी नेता शिकागो में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की मेजबानी में 20, 21 मई को आयोजित समारोह में नाटो देशों के नेताओं को यह संदेश देंगे।
नाटो सैन्य अधिकारियों ने कहा कि होलांदे के हाथों राष्ट्रपति निकोलस सारकोजी की पराजय की स्थिति से निपटने के लिए गठबंधन ने योजना बनाई है।
बहरहाल, एक राजनयिक ने कहा कि फ्रांस के नये नेता के रूख का गठबंधन के मुख्यालय में गर्मजोशी से स्वागत नहीं किया गया।
अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता दौलत वजीरी ने कहा, ‘‘ अगर फ्रांस के सैनिक इस वर्ष के अंत तक वापस लौट जाते हैं तो हम चिंतित होंगे लेकिन हम इस निर्णय का सम्मान करेंगे।’’
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