अविश्वास प्रस्ताव की पूर्व संध्या पर इमरान खान देश के लोगों से रूबरू हुए
इस्लामाबाद:
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर शनिवार को होने वाले अविश्वास प्रस्ताव के ठीक एक दिन पहले पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने आज देश के नाम अपना संबोधन दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के संबंध में उपाध्यक्ष के निर्णय को खारिज करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश पर खेद है.
इमरान के देश के नाम संबोधन की खास बातें
- मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं, लेकिन ये सत्ता पलटने की साजिश है या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने गौर नहीं किया, इसको देखकर उनको मायूसी है. उसे इसकी जांच करनी चाहिए थी.
- पाकिस्तान के युवा हमारी भविष्य हैं और जब वे देखेंगे कि मुल्क के नेता अपना जमीर बेच रहे है तो हम उनके सामने किस तरह की मिसाल पेश करेंगे?
- खुलेआम सांसदों की खरीद-फरोख्त हो रही है, बच्चे बच्चे को पता है कि कौन जमीर बेच रहे हैं.
- शरीफ बंधुओं ने सबसे पहले भेड़ बकरियों की तरह सियासतदानों को खरीदने का सिलसिला शुरू किया था. रिजर्व सीट वाले भी बिक रहे हैं.
- पाकिस्तान की अवाम की जिम्मेदारी है कि वो इसके खिलाफ खड़ी हो.दूसरे देशों में जो हमारे दूतावास थे, जिनके जरिये सत्ता पलटने की साजिश थी, उसे हम सार्वजनिक नहीं कर सकते, लेकिन जनता को खुद देखना चाहिए कि क्या हो रहा है.
- मैं विदेश में रहा, लेकिन मैंने कभी ऐसा भ्रष्टाचार नहीं देखा. मैं बताता हूं कि मेरा गुनाह क्या है, क्योंकि मैंने ड्रोन हमलों की इजाजत नहीं दी. मैंने खुलकर मुखालफत करते हुए कहा कि अफगानिस्तान में सैन्य कार्रवाई से कोई समाधान नहीं निकल सकता. मैंने इराक में युद्ध का खुलकर विरोध किया. जबकि शरीफ औऱ जरदारी अमेरिका के पुतले बनकर काम कर रहे थे.
- क्या हजारों किलोमीटर दूर ड्रोन अटैक के जरिये कोई देश फैसला कर सकता है कि जो मारा गया वो दहशतगर्द है. 400 से ज्यादा ड्रोन अटैक हुए. उन्हें डर था कि अगर हमने इसकी इजाजत नहीं दी तो विदेश में रूसियों की तरह उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी.
- हम यूज एंड थ्रो होने वाले टिश्यू पेपर नहीं हैं.
- भारत एक खुद्दार देश है और उसे कोई भी देश आंखें नहीं दिखा सकता. लेकिन हमारे यहां इंपोर्टेड डेमोक्रेसी लाने की प्रयास हो रहा है.
- अमेरिका के एक अधिकारी ने खुले तौर पर हमारे राजदूत से कहा कि अगर इमरान खान हट जाए तो पाकिस्तान की मुश्किलें खत्म हो जाएंगे और अमेरिका उन्हें माफ कर सकता है.