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This Article is From Jun 07, 2022

Dubai में गिरफ्तार Gupta Brothers ने South Africa में किए थे ये बड़े कांड..., US और UK में भी हैं 'Wanted'

भारत (India) के सहारनपुर (Saharanpur) के रहने वाले गुप्ता परिवार (Gupta Brothers) ने 1990 के दशक की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका (South Africa) पहुंचकर जूते की दुकान खोली थी. उन्होंने जल्द ही आईटी, मीडिया और खनन कंपनियों को शामिल कर अपने कारोबार का विस्तार किया, जिनमें से अधिकांश या तो अब बिक चुकी हैं या फिर बंद हो गई हैं.

Dubai में गिरफ्तार Gupta Brothers ने South Africa में किए थे ये बड़े कांड..., US और UK में भी हैं 'Wanted'
दक्षिण अफ्रीका (SA) ने संयुक्त राष्ट्र (UN) से गुप्ता बंधुओं (Gupta brothers) को वापस लाने में मदद की अपील की थी
जोहानिसबर्ग:

दक्षिण अफ्रीका (South Africa) की सरकार ने सोमवार को कहा कि संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने भारतीय मूल के गुप्ता बंधुओं (Gupta Brothers) (राजेश और अतुल) को गिरफ्तार किया है, जो पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा (Jacob Zuma)  के शासन के दौरान राजनीतिक भ्रष्टाचार (Political Corruption) के केंद्र में थे. दोनों भाइयों को दुबई (Dubai) में गिरफ्तार (Arrest) किया गया. हालांकि, फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि तीसरे भाई अजय को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया. यह गिरफ्तारी इंटरपोल (Interpol) द्वारा पिछले साल जुलाई में गुप्ता बंधुओं के खिलाफ नोटिस जारी किए जाने के लगभग एक साल बाद हुई है.

गुप्ता बंधुओं पर आरोप है कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल आर्थिक लाभ हासिल करने और शीर्ष पदों पर नियुक्तियों को प्रभावित करने के लिए किया. हालांकि, गुप्ता बंधुओं ने इन आरोपों का खंडन किया है.

अधिकारियों ने कहा कि 2018 में दक्षिण अफ्रीका में सरकार से संबद्ध संस्थानों में अरबों रैंड (दक्षिण अफ्रीकी मुद्रा) का घोटाला करने के बाद गुप्ता परिवार स्व-निर्वासन में दुबई (Dubai) चला गया था.

दक्षिण अफ्रीका के न्याय एवं सुधार सेवा विभाग ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘न्याय एवं सुधार सेवा मंत्रालय पुष्टि करता है कि उसे यूएई के कानून प्रवर्तन अधिकारियों से सूचना मिली है कि भगोड़े राजेश और अतुल गुप्ता को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया है.''

विभाग ने कहा, ‘‘यूएई और दक्षिण अफ्रीका में विभिन्न कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच आगे की कार्रवाई पर चर्चा जारी है. दक्षिण अफ्रीका की सरकार यूएई के साथ सहयोग करना जारी रखेगी.''

इंटरपोल ने जारी किया था रेड नोटिस 

इंटरपोल ने अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा पहले से ही वांछित घोषित गुप्ता बंधुओं के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया था. रेड नोटिस वैश्विक स्तर पर ऐसे व्यक्तियों की गिरफ्तारी के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सतर्क करने की खातिर जारी किया जाता है, जो लंबे समय से वांछित हैं.

गुप्ता परिवार 2018 में दक्षिण अफ्रीका को छोड़कर चला गया था. उसी साल व्यापक विरोध-प्रदर्शनों के कारण अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस (एएनसी) ने जूमा को राष्ट्रपति पद से हटाते हुए सिरिल रामफोसा को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया था.

इससे पहले, दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि नहीं होने के कारण गुप्ता बंधुओं की गिरफ्तारी को लेकर यूएई के साथ बातचीत के परिणाम नहीं निकलने पर दक्षिण अफ्रीका ने संयुक्त राष्ट्र (UN) से आरोपियों को दक्षिण अफ्रीका वापस लाने में मदद करने की अपील की थी. जून 2021 में संधि की पुष्टि होने के तुरंत बाद दक्षिण अफ्रीका ने गुप्ता बंधुओं के प्रत्यर्पण का अनुरोध करने की प्रक्रिया शुरू की.

कई गवाहों ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति के रूप में ज़ूमा के नौ साल के कार्यकाल में हुए बड़े घोटालों और कैबिनेट मंत्रियों की नियुक्तियों में गुप्ता बंधुओं की भूमिका होने की गवाही दी.

15 अरब रैंड की अवैध कमाई 

कर चोरी को खत्म करने वाले संगठन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) वेन डुवेनहेज ने कहा कि उनकी जांच से पता चला है कि देश से भागने से पहले गुप्ता बंधुओं ने लगभग 15 अरब रैंड की अवैध कमाई की थी.

मूल रूप से भारत के सहारनपुर के रहने वाले गुप्ता परिवार ने 1990 के दशक की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका पहुंचकर जूते की दुकान खोली थी. उन्होंने जल्द ही आईटी, मीडिया और खनन कंपनियों को शामिल कर अपने कारोबार का विस्तार किया, जिनमें से अधिकांश या तो अब बिक चुकी हैं या फिर बंद हो गई हैं.

बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) का नाम भी इस घोटाले में सामने आया था. ऐसी सूचना थी कि बैंक ने ऐसे समय में गुप्ता बंधुओं के लिए खाता खोलकर उनकी सहायता की थी, जब सभी दक्षिण अफ्रीकी बैंकों ने परिवार के साथ लेन-देन बंद कर दिया था. बीओबी ने बाद में संचालन में वैश्विक कटौती का हवाला देते हुए अपनी दक्षिण अफ्रीकी शाखाएं बंद कर दी थीं.

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