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This Article is From Jun 27, 2015

यूनान के प्रधानमंत्री ने राहत पैकेज पर 5 जुलाई को जनमत संग्रह कराने का फैसला लिया

यूनान के प्रधानमंत्री ने राहत पैकेज पर 5 जुलाई को जनमत संग्रह कराने का फैसला लिया
यूनान के प्रधानमंत्री ऐलेक्सिस सिप्रास (फाइल फोटो)
एथेंस : यूनान में ऋणदाताओं के साथ राहत पैकेज से जुड़ी वार्ता ने शनिवार सुबह नाटकीय मोड़ ले लिया, जब यहां की वामपंथी सरकार ने ताजा प्रस्तावित सौदे पर सप्ताह भर में जनमत संग्रह कराने की घोषणा की और मतदाताओं से इसे खारिज करने की अपील की।

प्रधानमंत्री ऐलेक्सिस सिप्रास ने मंत्रिमंडल की आपात बैठक के बाद टेलीविजन पर देश को संबोधित करते हुए कहा इसकी घोषण की।

सिप्रास ने कहा, यूनान की सरकार से एक ऐसे प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए कहा गया, जिससे यहां की जनता पर असहनीय बोझ पड़ेगा। उन्होंने कहा, फिलहाल हमारे ऊपर देश के भविष्य के संबंध में ऐतिहासिक जिम्मेदारी है। इस जिम्मेदारी के तहत हमारा उत्तरदायित्व है कि राहत पैकेज देने वाले ऋणदाताओं की शर्त का जवाब यूनान की जनता की संप्रभु इच्छा के आधार पर दें।

सिप्रास ने कहा कि वह ऋणदाताओं से कहेंगे कि वे यूनान के राहत कार्यक्रम को कुछ दिनों के लिए बढ़ा दें, जिसकी अवधि मंगलवार को खत्म हो रही है। सैद्धांतिक रूप से बिना विस्तार के लिए देश राहत कोष की शेष राशि का इस्तेमाल नहीं कर सकता।

राहत कोष वार्ता से जुड़े यूनान के एक अधिकारी ने कहा कि संभव है, देश मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष को भुगतान न कर सके। ऋण का भुगतान न करने की स्थिति में यूनान के बैंक धराशायी हो सकते हैं, क्योंकि वे यूरोपी केंद्रीय बैंक के आपात कोष पर निर्भर करते हैं।

सरकार के सामने जल्दी ही नकदी का संकट पैदा हो सकता है और उसे पेंशन, नौकरशाहों के वेतन भुगतान में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। इससे मजबूरन उसे यूरो क्षेत्र से बाहर निकलकर कमजोर राष्ट्रीय मुद्रा अपनानी होगी। गौरतलब है कि यूनान ज्यादातर प्रमुख उपभोक्ता उत्पादों का आयात करता है और इनकी कीमत नई मुद्रा के तहत ज्यादातर यूनानियों की पहुंच से बाहर हो जाएगी।

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