प्रतीकात्मक तस्वीर
ह्यूस्टन:
दुनिया भर में प्रसिद्ध इंटरनेट सर्च इंजन गूगल ने नफरत फैलाने वाले भाषण पर अपनी चिंताओं को लेकर तालिबान उग्रवादियों द्वारा बनाए गए एप को हटा लिया है। 'पश्तो अफगान न्यूज - अलीमारा' नामक इस ऐप को शुरुआत में प्ले स्टोर पर स्वीकार कर लिया गया था।
इस एप में तालिबान की मुख्य वेबसाइट से लिए गए वीडियो और बयानों को दिखाया गया था। इस ऐप के जरिए इंटरनेट यूजर्स की तालिबान की पश्तो वेबसाइट तक पहुंच बनती थी और यह तालिबान द्वारा अपने दायरे को बढ़ाने के लिए डिजीटल अभियान के विस्तार का हिस्सा है।
गूगल के एक प्रवक्ता ने कहा, 'हम ऐसे ऐप की वकालत नहीं करते जो नस्ल, जातीय मूल, धर्म, अस्थिरता, लैंगिकता, उम्र, राष्ट्रीयता, वरिष्ठता दर्जे , यौन मूल या लैंगिक पहचान के आधार पर लोगों के खिलाफ विचार रखता हो।' प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी ने तालिबान द्वारा बनाए गए एप को शनिवार को अपने प्ले स्टोर से हटा लिया। इस एप को गूगल प्ले पर एक अप्रैल 2016 को डाला गया था।
गूगल के प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि की कि एप को हटा लिया गया है। हालांकि उन्होंने इस संबंध में किसी और सवाल का जवाब नहीं दिया। इस संबंध में मीडिया को एक बयान उपलब्ध कराया गया, जिसमें कहा गया है कि हम किसी ऐप विशेष पर कोई टिप्पणी नहीं करते लेकिन हम पुष्टि कर सकते हैं कि हमारी नीतियां इस प्रकार से डिजाइन की गई हैं कि यूजर्स और डेवलपर्स को अच्छा अनुभव हो। इसलिए हमने गूगल प्ले से उस ऐप को हटा लिया है, जो इन नीतियों का उल्लंघन करता है।
गूगल की डेवलपर्स नीति प्ले स्टोर से ऐसे ऐप को प्रतिबंधित करती है, जो नफरत भरे भाषण, हिंसा और गैर कानूनी गतिविधियों को प्रोत्साहित करता हो। इस ऐप को सबसे पहले आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों पर निगरानी रखने वाले एक संगठन एसआईटीई (साइट) ने पकड़ा था। तालिबान के एक प्रवक्ता ने ऐप की पुष्टि करते हुए बताया कि पश्तो भाषा में इसे संगठन ने तैयार किया था।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
इस एप में तालिबान की मुख्य वेबसाइट से लिए गए वीडियो और बयानों को दिखाया गया था। इस ऐप के जरिए इंटरनेट यूजर्स की तालिबान की पश्तो वेबसाइट तक पहुंच बनती थी और यह तालिबान द्वारा अपने दायरे को बढ़ाने के लिए डिजीटल अभियान के विस्तार का हिस्सा है।
गूगल के एक प्रवक्ता ने कहा, 'हम ऐसे ऐप की वकालत नहीं करते जो नस्ल, जातीय मूल, धर्म, अस्थिरता, लैंगिकता, उम्र, राष्ट्रीयता, वरिष्ठता दर्जे , यौन मूल या लैंगिक पहचान के आधार पर लोगों के खिलाफ विचार रखता हो।' प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी ने तालिबान द्वारा बनाए गए एप को शनिवार को अपने प्ले स्टोर से हटा लिया। इस एप को गूगल प्ले पर एक अप्रैल 2016 को डाला गया था।
गूगल के प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि की कि एप को हटा लिया गया है। हालांकि उन्होंने इस संबंध में किसी और सवाल का जवाब नहीं दिया। इस संबंध में मीडिया को एक बयान उपलब्ध कराया गया, जिसमें कहा गया है कि हम किसी ऐप विशेष पर कोई टिप्पणी नहीं करते लेकिन हम पुष्टि कर सकते हैं कि हमारी नीतियां इस प्रकार से डिजाइन की गई हैं कि यूजर्स और डेवलपर्स को अच्छा अनुभव हो। इसलिए हमने गूगल प्ले से उस ऐप को हटा लिया है, जो इन नीतियों का उल्लंघन करता है।
गूगल की डेवलपर्स नीति प्ले स्टोर से ऐसे ऐप को प्रतिबंधित करती है, जो नफरत भरे भाषण, हिंसा और गैर कानूनी गतिविधियों को प्रोत्साहित करता हो। इस ऐप को सबसे पहले आतंकवादी संगठनों की गतिविधियों पर निगरानी रखने वाले एक संगठन एसआईटीई (साइट) ने पकड़ा था। तालिबान के एक प्रवक्ता ने ऐप की पुष्टि करते हुए बताया कि पश्तो भाषा में इसे संगठन ने तैयार किया था।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं