बागोटा:
दक्षिण अमेरिकी देश कोलंबिया की संवैधानिक अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए समलैंगिक जोड़ों के लिए भी कानूनी तौर पर बच्चे गोद लेने के अवसर खोल दिए हैं।
गोद लेने वाली एजेंसियां समलैंगिकों से भेदभाव नहीं कर सकतीं
अदालत ने 6-2 के अंतर से हुए मतदान के आधार पर फैसला सुनाते हुए कल कहा कि बच्चे गोद देने वाली एजेंसियां इससे जुड़ी प्रक्रिया में समलैंगिक पुरुषों, समलैंगिक महिलाओं और ट्रांससेक्सुअल जोड़ों के साथ भेदभाव नहीं कर सकतीं।
बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन
कोलंबिया के रोमन कैथोलिक चर्च ने तत्काल ही इस फैसले को बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन करार दिया और कहा कि यह फैसला कोलंबिया के उन अधिकतर लोगों की इच्छाओं के खिलाफ होगा, जिनके मतदान ने समलैंगिकों को दूसरे जोड़ों की तरह शादी करने एवं बच्चे गोद लेने के अधिकार देने से इनकार कर दिया था।
चर्च के प्रवक्ता मोनसिगनर जुआन कोडरेबा ने आरसीएन टीवी को बताया, हमारा विरोध मजबूत है। उन्होंने चर्च की इस मांग को दोहराया कि इस मुद्दे पर जनमत संग्रह से फैसला होना चाहिए।
गोद लेने वाली एजेंसियां समलैंगिकों से भेदभाव नहीं कर सकतीं
अदालत ने 6-2 के अंतर से हुए मतदान के आधार पर फैसला सुनाते हुए कल कहा कि बच्चे गोद देने वाली एजेंसियां इससे जुड़ी प्रक्रिया में समलैंगिक पुरुषों, समलैंगिक महिलाओं और ट्रांससेक्सुअल जोड़ों के साथ भेदभाव नहीं कर सकतीं।
बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन
कोलंबिया के रोमन कैथोलिक चर्च ने तत्काल ही इस फैसले को बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन करार दिया और कहा कि यह फैसला कोलंबिया के उन अधिकतर लोगों की इच्छाओं के खिलाफ होगा, जिनके मतदान ने समलैंगिकों को दूसरे जोड़ों की तरह शादी करने एवं बच्चे गोद लेने के अधिकार देने से इनकार कर दिया था।
चर्च के प्रवक्ता मोनसिगनर जुआन कोडरेबा ने आरसीएन टीवी को बताया, हमारा विरोध मजबूत है। उन्होंने चर्च की इस मांग को दोहराया कि इस मुद्दे पर जनमत संग्रह से फैसला होना चाहिए।
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