
- स्विट्जरलैंड में कुत्ते पालने के लिए मालिकों को टेस्ट और प्रैक्टिकल पास करना होता है तथा पालतू जानवरों का हेल्थ इंश्योरेंस अनिवार्य है.
- जर्मनी में कुत्तों का रजिस्ट्रेशन और हर साल डॉग टैक्स देना जरूरी है, जो शहर और नस्ल के आधार पर अलग-अलग होता है.
- ऑस्ट्रिया में पालतू जानवरों की दुकानों में कुत्तों की बिक्री पर प्रतिबंध है और पशुओं के खिलाफ क्रूरता रोकने के लिए सख्त कानून लागू हैं.
क्या कभी आपने यह इमैजिन किया कि आपको रोज अपने पालतू कुत्ते को कुछ देर के लिए एक्सरसाइज करानी ही पड़ेगी, भले ही आप करें या न करें. भारत में जहां अक्सर कुत्तों को कैसे रखा जाए या फिर उन्हें किस तरह से सार्वजनिक तौर पर बाहर लेकर जाया जाए, इसे लेकर अक्सर बहस होती है तो वहीं दुनिया में कुछ देश ऐसे हैं जहां पर कुत्तों को लेकर कई ऐसे कानून हैं जो आपको हैरान कर सकते हैं. आज हम आपको ऐसे ही कुछ दिलचस्प कानूनों के बारे में बताते हैं.
स्विट्जरलैंड
कुत्तों से जुड़े जरूरी कानूनों के मामले में स्विट्जरलैंड की सरकार यह सुनिश्चित करती है कि वो कुत्तों के मालिकों को अपने कुत्तों की देखभाल करना सिखाएं. कुत्ता पालने के शौकीन जब उसे खरीदने जाते हैं तो उन्हें एक टेस्ट देना होता है और एक प्रैक्टिकल भी पूरा करना होता है. यहां तक कि स्विस एयरलाइंस कुछ केबिनों में भी कुत्तों को मंजूरी दी जाती है. यहां के कानून के अनुसार, सभी मालिकों के पास पालतू जानवरों का हेल्थ इंश्योरेंस होना भी जरूरी है. रेस्टोरेंट तो कुत्तों का स्वागत करते ही हैं, साथ ही साथ उनके मेनू में भी डॉग फूड शामिल किया जाता है.
जर्मनी
जर्मनी में हर डॉग ओनर के लिए कुत्तों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है. साथ ही उन्हें हर साल एक डॉग टैक्स भी देना होता है जिसे हंडेस्टुअर के तौर पर जाना जाता है. टैक्स का अमाउंट हर शहर में अलग-अलग होता है और कुछ हद तक यह ब्रीड पर भी निर्भर करती है. उदाहरण के लिए बर्लिन में अगर कोई पहली बार कुत्ता पाल रहा है तो उसे 120 यूरो हर साल और इसके बाद हर अतिरिक्त कुत्ते के लिए 180 यूरो अदा करने होते हैं. वहीं देश के कुछ शहर ऐसे हैं जो 'खतरनाक' नस्लों पर ज्यादा टैक्स लगाते हैं.
ऑस्ट्रिया
यूरोप का एक खूबसूरत देश ऑस्ट्रिया, डॉग लॉ पर काफी सख्त है. यहां पर पशुओं के खिलाफ क्रूरता को रोकने के लिए काफी सख्त कानून लागू हैं. देश में पालतू जानवरों की दुकानों में कुत्तों की बिक्री को बैन किया हुआ है और यह ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश है.
हंगरी
यूरोप के एक और देश हंगरी में यहां के नागरिक एक्सरसाइज करें या न करें लेकिन कुत्तों को दिन में कुछ समय के लिए एक्सरसाइज करनी काफी जरूरी है.
फ्रांस
फ्रांस में कुत्तों को वहां की लाइफस्टाइल से जोड़ा जाता है और हर जगह इनका स्वागत होता है. देश में नियमों के तहत किसी भी घर में एक ही परिसर में 4 महीने से ज्यादा उम्र के 9 कुत्ते पाले जा सकते हैं. साथ ही घर को पूरी तरह से सुरक्षित रूप से बाड़ से घेरा जाना चाहिए और कुत्तों को पानी से लेकर शेल्टर और उन्हें खाने की पूरी सुविधा मुहैया होनी चाहिए. राजधानी पेरिस में सभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट में छोटे कुत्तों को फ्री ले जाने की अनुमति है, बशर्ते वो 45 सेमी से बड़े बैग या कंटेनर में फिट हो सकें.
नीदरलैंड
यह एक ऐसा देश है जो जानवरों से प्यार करने के लिए जाना जाता है. नीदरलैंड्स में ऐसे लोग जिनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड है, वो कुत्ते नहीं पाल सकते हैं. हर कुत्ते का रजिस्ट्रेशन जरूरी है और साथ ही एक माइक्रोचिप भी उनकी बॉडी पर फिट होनी चाहिए. वहीं उनके लिए यूरोपीय पालतू पासपोर्ट का होना भी अनिवार्य है.
चीन
चीन में भी पालतू कुत्तों को लेकर कानून काफी सख्त है और देश में 35 सेंटीमीटर यानी 1.1 मीटर की हाईट के कुत्तों को ही पाला जा सकता है. अगर कोई यह नियम तोड़ता है तो उसे करीब 634 डॉलर का जुर्माना अदा करना पड़ता है.
ईरान
ईरान ने इस साल की शुरुआत में एक कानून पास किया है जिसमें कुत्तों समेत बाकी पालतू जानवरों के मालिकाना हक के लिए एक खास परमिट की जरूरत पड़ेगी. साथ ही पार्क में कुत्तों को टहलाना अपराध है. इस प्रतिबंध को 'जनता की सुरक्षा' के उपायों के तहत उचित ठहराया गया है. अगर पुलिस पार्क में कुत्तों को ठहलाते हुए किसी को देखती है तो उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाता है.
सऊदी अरब
मीडिल ईस्ट के एक देश ईरान में कुत्तों पर कई पाबंदिया हैं तो वहीं सऊदी अरब में कुत्तों के लिए कानून थोड़े से लचीले हैं. साल 2023 में सऊदी अरब खाड़ी का पहला देश बना था जिसने पब्लिक ट्रांसपोर्ट में कुत्तों समेत बाकी पालतू जानवरों को लाने की अनुमति दी थी. सऊदी अरब के ट्रांसपोर्ट डायरेक्टोरेट ने देश में बस, ट्रेन और नाव यात्रियों के अधिकारों के तहत उन्हें 'छोटे' जानवरों को ले जाने की अनुमति दी थी लेकिन उन्हें किसी बॉक्स में ही ले जाने की मंजूरी है.