मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को एक आपराधिक न्यायालय ने 13 साल की सजा सुनाई। आतंकवाद निरोधक कानूनों के तहत नशीद को सजा सुनाई गई है।
उच्च-पदस्थ सूत्रों ने ‘पीटीआई’ को बताया कि देर रात तक चली अदालती सुनवाई में देश के पहले लोकतांत्रिक रूप से चुने हुए नेता को आतंकवाद निरोधक कानून, 1990 के तहत दोषारोपित किया गया।
साल 2012 में एक न्यायाधीश को बंधक बनाने के मामले में 47 साल के नशीद को 22 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। नशीद ने पुलिस और सेना के विद्रोह के बाद फरवरी 2012 में मालदीव के नेता के रूप में इस्तीफा दे दिया था। भ्रष्टाचार के आरोपों में न्यायाधीश अब्दुल्ला मोहम्मद की गिरफ्तारी के मुद्दे पर कई हफ्ते चले विरोध प्रदर्शन के बाद नशीद ने इस्तीफा दिया था।
मालदीव के उच्च न्यायालय में अपील करने का संवैधानिक अधिकार नशीद के पास है। मालदीव के संविधान के अनुच्छेद 220 :ए: के तहत देश के महाभियोजक द्वारा आपराधिक आरोप लगाए गए ।
न्यायाधीश के अपहरण के मामले में मालदीव के मानवाधिकार आयोग की जांच रिपोर्ट पर महाभियोजक का मुकदमा आधारित था। नशीद की ‘गिरफ्तारी और बदसलूकी’ सहित मालदीव के घटनाक्रम पर भारत ने चिंता जताते हुए सभी पक्षों से अपील की है कि वे संवैधानिक दायरे के तहत अपने मतभेद सुलझाएं।
नशीद ने फरवरी 2013 में माले स्थित भारतीय उच्चायोग में शरण ली थी ताकि इसी मामले में गिरफ्तारी से बच सकें।
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