ब्रिटेन (Britain) के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरन (David Cameron) ने बृहस्पतिवार को अपने संस्मरण का विमोचन किया जिसमें उन्होंने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Manmohan Singh) को ‘संत पुरुष' बताया है और कहा है कि सिंह ने उन्हें बताया था कि अगर मुंबई की तरह दूसरा आतंकवादी हमला हुआ तो पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करनी होगी. कैमरन ने ‘फॉर द रिकॉर्ड' में अपने 52 वर्ष के निजी एवं व्यावसायिक जीवन के घटनाक्रम को लिपिबद्ध किया है और इसमें 2010 से 2016 के बीच का विशेष तौर पर जिक्र है जब वह ब्रिटेन के प्रधानमंत्री थे. इस दौरान उनके सिंह के साथ ही मोदी के साथ भी अच्छे रिश्ते रहे. कैमरन ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मेरे रिश्ते अच्छे रहे. वह संत पुरुष हैं लेकिन भारत के खतरों के प्रति वह कड़ा रुख भी रखते थे.
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भारत के एक यात्रा के दौरान उन्होंने मुझसे कहा कि मुंबई में 2008 के आतंकवादी हमले की तरह कोई दूसरा आतंकवादी हमला होता है तो भारत को पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करनी होगी.'' उन्होंने कहा, ‘‘भारत के संदर्भ में मैंने कहा था कि हमें आधुनिक सहभागिता की जरूरत है न कि औपनिवेशिक अपराध की भावना के साथ. यह सहभागिता दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ हो. ब्रिटेन के कई सफल व्यवसायी और सांस्कृतिक हस्तियां भारतीय मूल के रहे हैं और इस प्रयास में वे काफी सहायक साबित हो सकते हैं.''
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अपने संस्मरण में भारत- ब्रिटेन संबंधों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कंजरवेटिव पार्टी के 52 वर्षीय पूर्व नेता ने भारत के दो नेताओं की प्रशंसा की. उन्होंने नवम्बर में वेम्बले स्टेडियम में संबोधन के दौरान स्टेज पर मोदी से गले मिलने की घटना को याद किया. उन्होंने कहा, ‘कई क्षण रहे जिसमें वेम्बले स्टेडियम में भारतीय मूल के लोगों की सबसे बड़ी भीड़ का इकट्ठा होना भी शामिल है.'कैमरन ने कहा, ‘मोदी के संबोधन से पहले मैंने 60 हजार की भीड़ से कहा कि मुझे लगता है कि किसी दिन भारतीय मूल का ब्रिटिश व्यक्ति दस डाउनिंग स्ट्रीट में प्रधानमंत्री के तौर पर आएगा. लोगों की भीड़ ने चिल्लाकर इसे मंजूरी दी जो अद्भुत था और जैसे ही स्टेज पर मोदी और मैंने एक- दूसरे को गले लगाया मुझे उम्मीद जगी कि यह ब्रिटेन द्वारा दुनिया को खुले हृदय से स्वागत करने का संकेत देगा.'
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कैमरन ने दिल्ली में टुक टुक से यात्रा करने और मुंबई की झुग्गी- झोपड़ियों घूमने का भी जिक्र किया. उन्होंने अमृतसर में ऐतिहासिक स्वर्ण मंदिर के दौरे का भी ब्यौरा दिया है जिस दौरान 2013 में उन्होंने ब्रिटेन के ‘सबसे बड़े' व्यवसाय मिशन का नेतृत्व किया और ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने जालियांवाला बाग नरसंहार पर दुख जताया था. कैमरन ने लिखा है, ‘काफी समय से ब्रिटिश भारतीय समुदाय के मित्र प्रोत्साहित कर रहे थे कि मैं अमृतसर में स्वर्ण मंदिर जाऊं. सिखों के पवित्र स्थल पर औपनिवेशिक काल में ब्रिटेन के सैनिकों ने एक शांतिपूर्ण बैठक पर गोलीबारी की थी जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे.'' उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी वर्तमान प्रधानमंत्री अभी तक अमृतसर नहीं पहुंचा था और जो हुआ उस पर दुख व्यक्त नहीं किया था. मैं दोनों चीजों को बदलना चाहता था.''
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उन्होंने संस्मरण में लिखा है, ‘‘मेरे दौरे से पहले इस बात को लेकर विवाद था कि मुझे ‘खेद जताना' चाहिए अथवा नहीं. लेकिन मुझे महसूस हुआ कि शहीद स्मारक की संवेदना पुस्तिका में जिसे मैंने ‘ब्रिटेन के इतिहास में काफी शर्मनाक' घटना बताया, वह उपयुक्त था. मुझे पता है कि ब्रिटेन के सिखों के लिए यह काफी मायने रखता है कि उनके प्रधानमंत्री ने यह सौहार्द दिखाया और ऐसा कर मैं खुश हूं.''एक जनमत संग्रह में यूरोपीय संघ छोड़ने के लिए हुए मतदान के बाद कैमरन ने जून 2016 में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और उसके बाद से राजनीति से अलग हैं.
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