विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यहां संयुक्त राष्ट्र (UN) महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के नए अध्यक्ष फिलेमोन यांग से अलग-अलग मुलाकात की तथा ‘‘विविधता में एकता'', ‘‘शांति'' एवं ‘‘मानव कल्याण'' के यांग के दृष्टिकोण का समर्थन करते हुए पश्चिम एशिया और यूक्रेन में संघर्ष जैसे वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की.
जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र में भाग लेने के लिए अमेरिका में हैं और उन्होंने गुरुवार को महासभा के सत्र से इतर गुटेरेस तथा यांग से मुलाकात की. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में गुटेरेस से मुलाकात करने के बाद ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के साथ बात करना हमेशा खुशी की बात होती है. भविष्य के लिए समझौते, बहुपक्षवाद में सुधार, एआई, जलवायु कार्रवाई, पश्चिम एशिया और यूक्रेन मुद्दे पर चर्चा की.''
बैठक पर महासचिव के प्रवक्ता के कार्यालय द्वारा जारी संदेश में कहा गया कि गुटेरेस ने ‘‘संयुक्त राष्ट्र के साथ भारत के सहयोग की सराहना की.''
दोनों नेताओं ने 22-23 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित भविष्य के शिखर सम्मेलन और इसके कार्यान्वयन, जलवायु परिवर्तन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और भूराजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा की. वे सुरक्षा परिषद को अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण बनाने तथा समकालीन दुनिया की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने के लिए इसे ‘‘विस्तारित'' करने पर भी सहमत हुए.
Always a pleasure to speak with @UN Secretary General @antonioguterres.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) September 26, 2024
Discussed the Pact for the Future, reforming multilateralism, AI, climate action, West Asia and Ukraine. #UNGA79
🇮🇳 🇺🇳 pic.twitter.com/yd44yjxlAg
अगले वर्ष संयुक्त राष्ट्र के 80 वर्ष पूरे होने पर यह समझौता वैश्विक संस्थानों में सुधार, सतत विकास लक्ष्यों पर कार्रवाई के लिए आगे बढ़ने, जलवायु कार्रवाई और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग सहित अन्य क्षेत्रों की आवश्यकता को रेखांकित करता है. हालांकि, इसमें इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक कार्यों की समयसीमा शामिल नहीं है.
यांग ने ग्लोबल साउथ के हितों में भारत की भूमिका सराही
जयशंकर ने एक अलग पोस्ट में कहा, ‘‘आज न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के नए अध्यक्ष फिलेमोन यांग से मिलकर खुशी हुई. विविधता में एकता, शांति, मानव कल्याण और हर जगह सभी के लिए गरिमा के उनके दृष्टिकोण को भारत के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया.''
यांग ने भी जयशंकर से मुलाकात के बाद ‘एक्स' पर ‘ग्लोबल साउथ' के हितों को बढ़ावा देने में भारत की भूमिका की सराहना की.
यांग ने कहा, ‘‘मुझे आज भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का स्वागत करते हुए खुशी हुई. हमने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र के लिए प्राथमिकताओं और प्रमुख मुद्दों तथा भविष्य के शिखर सम्मेलन के परिणामों पर चर्चा की. मैंने ‘ग्लोबल साउथ' के हितों को आगे बढ़ाने में भारत की भूमिका की भी सराहना की.''
सन 1960 के दशक में पनपा ‘ग्लोबल साउथ' शब्द आम तौर पर लैटिन अमेरिका, एशिया, अफ्रीका और ओशिनिया के क्षेत्रों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. खासकर इसका मतलब, यूरोप और उत्तरी अमेरिका के बाहर, दक्षिणी गोलार्ध और भूमध्यरेखीय क्षेत्र में स्थित ऐसे देशों से है जो ज्यादातर कम आय वाले हैं और राजनीतिक तौर पर भी पिछड़े हैं.
कई देशों के अपने समकक्षों से मिल रहे जयशंकर
जयशंकर उच्चस्तरीय सत्र से इतर अपने वैश्विक समकक्षों के साथ सिलसिलेवार द्विपक्षीय और बहुपक्षीय चर्चाएं कर रहे हैं. उन्होंने बेलारूस के विदेश मंत्री मक्सिम रायज़ेनकोव से भी मुलाकात की और ‘‘स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रौद्योगिकी तथा गहरे आर्थिक संबंधों में संभावनाओं'' पर चर्चा की. जयशंकर ने रोमानियाई समकक्ष लुमिनिटा ओडोबेस्कु से भी मुलाकात की और पर्यटन एवं रक्षा क्षेत्र में बढ़ती द्विपक्षीय गतिविधियों का जायजा लिया.
उन्होंने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यूक्रेन मुद्दे पर दृष्टिकोणों का आदान-प्रदान किया.'' जयशंकर ने स्वीडन की अपनी समकक्ष मारिया मालमेर स्टेनगार्ड से भी मुलाकात की.
उन्होंने ‘एक्स' पर एक अलग पोस्ट में कहा, ‘‘सतत विकास, निवेश और कुशल श्रमिकों की गतिशीलता के क्षेत्र में द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने पर बात की. यूक्रेन और हिन्द-प्रशांत पर दृष्टिकोणों का आदान-प्रदान किया.''
संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के इतर उन्होंने मोंटेनेग्रो के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री एर्विन इब्राहिमोविक से भी मुलाकात की. उन्होंने ‘एक्स' पर कहा, ‘‘हमारी बातचीत व्यापार, स्वास्थ्य और पर्यटन में सहयोग को आगे बढ़ाने पर केंद्रित रही.''
जयशंकर ने मोरक्को के अपने समकक्ष नासिर बौरिटा से भी मुलाकात की. उन्होंने मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलट्टी के साथ भी ‘‘गर्मजोशी भरी पहली बैठक'' की और ‘‘हमारे द्विपक्षीय संबंधों में लगातार प्रगति पर चर्चा की तथा क्षेत्र में घटनाक्रमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया.''
जयशंकर ने अपनी स्लोवेनियाई समकक्ष तंजा फाजोन के साथ बैठक के दौरान ‘‘भूमध्यसागरीय क्षेत्र के साथ भारत के बढ़ते सहयोग'' के बारे में भी बात की. उन्होंने जॉर्डन के विदेश मंत्री अयमान सफादी से भी मुलाकात की. जयशंकर ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हमारी चर्चा पश्चिम एशिया में मौजूदा स्थिति के इर्द-गिर्द केंद्रित रही.''
उन्होंने विश्व के नेताओं से भी मुलाकात की, जिनमें मॉरीशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराज सिंह रूपुन और उनके समकक्ष त्रिनिदाद और टोबैगो के अमेरी ब्राउन तथा बुरुंडी के अल्बर्ट शिंगिरो शामिल थे.
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