
खाने में पहले क्या खाया जाए अगर ये पता चल जाए तो इससे मधुमेह में शरीर का ख़्याल रखा जा सकता है
वैज्ञानिक रूप से बात करें तो यह सही भी है और यह व्यावहारिक भी है कि आपके शरीर में ग्लूकोज (Glucose) की मात्रा कार्बोहाइट्रेड खाने के 30 से 60 मिनट के बाद बढ़ती है. ग्लूकोज की मात्रा कितनी बढ़ेगी और कितनी देर तक बढ़ी रहेगी, यह कई कारकों से तय होता है, जैसे... कार्बोहाइट्रेड के साथ या उससे पहले आपने क्या खाया, कार्बोहाइट्रेड में फाइबर की मात्रा कितनी थी और आपका शरर कितनी मात्रा में इन्सुलिन का स्राव करता है और उसका उपयोग करता है.
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द कन्वर्सेशन मैगज़ीन के मुताबिक यूनिवर्सिटी ऑफ एडीलेड में ओबेसिटी एंड मेटाबॉलिज्म के प्रोफेसर और ग्रुप लीडर लोनी हेलब्रोन बताते लिखते हैं. - बायोकेमिस्ट और ‘ग्लूकोज रेवोल्यूशन' की लेखिका जेस्सी इनशॉप का कहना है कि भोजन में आया हल्का बदलाव भी आपकी जिंदगी बदल सकता है. मुख्यधारा के मीडिया और इंस्टाग्राम पर ‘ग्लूकोज गॉडेस मूवमेंट' की संस्थापक का कहना है कि एक तय तरीके से भोजन करना सबसे महत्वपूर्ण है. इनशॉप का कहना है कि भोजन में प्रोटीन (जैसे मांस, अंडा, मछली, दाल, दूध) से पहले सलाद खाना और खाने के अंत में कार्बोहाइट्रेड (रोटी, चावल, ब्रेड, आलू) खाने से रक्त में शर्करा तेजी से नहीं बढ़ती है और यह सेहत के लिए बेहतर है. कुछ स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए ग्लूकोज को बढ़ने से रोकने का कोई भी तरीका बहुत महत्वपूर्ण है. ये चिकित्सा समस्याएं हैं.
मधुमेह रीएक्टिव हाइपोग्लीकेमिया (भोजन करने के बाद रक्त शर्करा के स्तर में कमी आना, खास तौर से भोजन करने के चार घंटे के भीतर) पोस्टप्रांडियल हाइपोटेंशन (भोजन करने के तुरंत बाद रक्तचाप में अचानक बहुत कमी आना) कार्बोहाइट्रेड से पहले कुछ खास तरीके का भोजन करने से क्या ग्लूकोज की मात्रा के बढ़ने-घटने पर असर होता है?
हां, ऐसा होता है। और यह नया नहीं है. वैज्ञानिकों को लंबे समय से पता है कि उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थ जैसे... सलाद आदि के मामले में भोजन पचने और उसके पेट से बाहर निकलने में देरी होती है. इसलिए उच्च फाइबर वाले भोजन से ग्लूकोज और अन्य पोषक तत्व छोटी आंत में धीरे-धीरे निकलते हैं और रक्त से मिलते हैं.
प्रोटीन और वसा भी भोजन के पचने में देरी करते हैं. प्रोटीन ग्लूकागॉन हार्मोन जैसे पेपटाइड-1 के स्राव को बढ़ावा देता है. ऐसे में आपको प्रोटीन वाला भोजन जब आपकी आंत की कोशिकाओं तक पहुंचता है तो वहां उक्त हार्मोन निकलता है जिससे भोजन पचने की दर और धीमी हो जाती है.
यह हार्मोन अग्याशय को भी प्रभावित करता है जो इन्सुलिन हार्मोन के स्राव में मदद करता है और आपके शरीर में ग्लूकोज के स्तर को घटाता-बढ़ाता है.