जेम्स वेब और हबल टेलिस्कोप ने गुरुवार को अपने उस स्पेसक्राफ्ट की पहली तस्वीरों को जारी किया जिसे जानबूझकर एक क्षुद्रग्रह (Asteroid)से टकराया गया था. खगोलविदों के अनुसार, इसका असर पूर्व में लगाए गए अनुमान से कही अधिक नजर आ रहा है. दुनिया के टेलिस्कोप्स ने भविष्य में मानव जीवन के लिए संभावित खतरा बनने वाले एस्टेरॉयड से पृथ्वी को बचाने की अपनी क्षमता के परीक्षण के लिए इस सप्ताह की शुरुआत में स्पेस रॉक डिमोर्फोस की ओर फोकस किया. खगोलविदों ने नासा के डबल एस्टेरॉयड रीडायरेक्शन टेस्ट (DART) को लेकर खुशी मनाई जिसके तहत सोमवार रात को पृथ्वी से 11 मिलियन किलोमीटर (6.8 मिलियन मील) दूर रग्बी गेंद के आकार के पिरामिड साइज एस्टेरॉयड को टारगेट किया गया था.
.@NASAWebb & @NASAHubble caught the DART impact on camera – the 1st time that Webb & Hubble were used to simultaneously observe the same celestial target.
— Bill Nelson (@SenBillNelson) September 29, 2022
Looking forward to what we'll learn about #DARTmission from our telescopes on Earth soon. https://t.co/Y0HOAbSkI0 https:/ pic.twitter.com/lgDwOBd7Om
पृथ्वी से जुड़ी दूरबीनों द्वारा ली गई तस्वीरों में अंतरिक्ष यान के हिट करने के बाद डिमोर्फोस और डिडिमोस से बाहर निकलने वाले धूल के विशाल गुबार को दिखाया गया है. DART नामक अंतरिक्ष यान के जरिए किए गए इस परीक्षण से वैज्ञानिकों ने यह पता लगाने की कोशिश की है कि क्या पृथ्वी की तरफ आने वाले किसी उल्कापिंड को टक्कर मारकर उसकी दिशा बदली जा सकती है, ताकि धरती की रक्षा हो सके.
सदर्न कैलिफॉर्निया यूनिवर्सिटी में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रोफेसर और अंतरिक्ष इंजीनियरिंग अनुसंधान केंद्र के निदेशक डेविट बर्नर्ट ने नासा के इस सफल मिशन का सीधा प्रसारण देखा और अब इस बारे में जानकारी दी है. डार्ट' में लगे कैमरे से ली गई पहली तस्वीर में दोहरी क्षुद्रग्रह प्रणाली ‘डिडिमोस' को दिखाया गया है, जिसका व्यास लगभग 2,500 फुट (780 मीटर) है. छोटे क्षुद्रग्रह ‘डिमोर्फोस' इसकी परिक्रमा कर रहे हैं, जिनकी लंबाई लगभग 525 फुट (160 मीटर) है. DART मिशन का उद्देश्य यह पता लगाना था कि क्या किसी क्षुद्रग्रह को टक्कर मारकर उसकी दिशा बदलना संभव है. नासा ने एक गोल्फ कार्ट से मिस्र के पिरामिड के एक किनारे को टक्कर मारी थी ताकि ‘डार्ट' और दो क्षुद्रग्रहों में से एक ‘डिमोर्फोस' के आकार में सापेक्षित अंतर का पता लगाया जा सके. परीक्षण से पहले, ‘डिमोर्फोस' लगभग 16 घंटे तक ‘डिडिमोस' की परिक्रमा कर चुका था. नासा का अनुमान है कि इस टक्कर से ‘डिमोर्फोस' की कक्षा लगभग 1 प्रतिशत छोटी हो गई होगी.
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