शांग्रीला काउंटी स्थित सांस्कृतिक धरोहर माने जाने वाले एक प्राचीन तिब्बती शहर का एक बड़ा हिस्सा आग से तबाह हो गया, जबकि आग से 240 घरों के जलने के बाद तकरीबन 2600 लोगों को वहां से सुरक्षित निकाल लिया गया।
दक्षिण रेशम मार्ग पर तकरीबन 1300 साल पहले बने दूकेजोंग शहर में शनिवार आग तड़के लगी। दूकेजोंग का मतलब 'चांद का शहर' होता है।
चीनी संवाद समिति शिन्हुआ की एक रिपोर्ट के मुताबिक 240 से ज्यादा घरों के जलने के बाद 2600 से ज्यादा निवासियों को वहां से निकाल कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया। रिपोर्ट के अनुसार तड़के लगी आग ने तकरीबन 10 घंटे तक कहर बरपाया।
एक स्थानीय सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि आग बुझाने के लिए 1,000 से ज्यादा लोगों की सेवाएं ली गईं, लेकिन यह काम बहुत मुश्किल था, क्योंकि ज्यादातर मकान लकड़ी के बने हैं। आग से किसी के हताहत होने की अभी कोई रिपोर्ट नहीं है। आग के कारणों की जांच की जा रही है। अधिकारियों ने आग लगने के पीछे किसी आपराधिक हरकत की संभावना से इनकार किया है।
रिपोर्ट के अनुसार घरों, दुकानों और बुनियादी ढांचा सुविधाओं, कुछ सांस्कृतिक धरोहर, प्राचीन तिब्बती थांगका पेंटिंग और अन्य कलाकृतियां आग में जलकर खाक हो गईं। इस बीच, मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा है कि शनिवार शाम और रविवार सुबह के बीच हिमपात होने की संभावना है।
मौसम विभाग ने आगाह किया है कि दूकेजोंग से सुरक्षित निकाले गए लोगों को ठंड से बचाने के लिए समूचित व्यवस्था करनी होगी। दूकेजोंग शांग्रीला के सर्वाधिक मशहूर पर्यटन स्थलों में से एक है। यह अपने प्राचीन तिब्बती घरों के लिए जाना जाता है, जिन्हें अच्छी तरह सहेजा गया है।
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