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This Article is From Sep 23, 2012

फिल्म विवाद : पाकिस्तान ने की इनाम की निंदा, हॉलीवुड चिंतित

फिल्म विवाद : पाकिस्तान ने की इनाम की निंदा, हॉलीवुड चिंतित
इस्लामाबाद/वाशिंगटन/काहिरा: इस्लाम विरोधी फिल्म को लेकर मुस्लिम जगत में अंसतोष पर मिस्र में सुन्नी सम्प्रदाय की एक प्रमुख हस्ती ने शांति बनाए रखने और संयम व समझदारी का परिचय देने का आह्वान किया। वहीं पाकिस्तान सरकार ने रेल मंत्री के उस बयान से खुद को अलग कर लिया है, जिसमें उन्होंने इस फिल्म के निर्माता को जान से मारने के लिए एक लाख डॉलर इनाम के तौर पर देने की घोषणा की थी।

फिल्म के कारण उपजे असंतोष से हॉलीवुड फिल्मकार और भी सशंकित हैं क्योंकि अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन की मुठभेड़ पर कई फिल्में बन रही हैं। उन्हें डर है कि इससे मुस्लिम कट्टरपंथी उनकी फिल्मों को निशाना बना सकते हैं।

'बीबीसी' के अनुसार, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के प्रवक्ता शफकत जलील ने कहा कि सरकार रेल मंत्री गुलाम अहमद बिलौर के बयान से खुद को पूरी तरह अलग करती है।

जलील ने कहा, "बिलौर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नहीं, बल्कि एएनपी के सदस्य हैं। इसलिए प्रधानमंत्री इस सम्बंध में अगला कदम उठाने के लिए एएनपी से बातचीत करेंगे।"

वहीं, एएनपी ने कहा कि बिलौर का बयान उनका निजी है और इसका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। यह पार्टी की नीति नहीं है। लेकिन पार्टी ने यह भी कहा कि बिलौर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

बिलौर ने फिल्म के विरोध में पाकिस्तान में प्रदर्शन के दौरान झड़प में करीब 20 लोगों के मारे जाने के बाद फिल्म निर्माता को मारने वाले को एक लाख डॉलर इनाम के तौर पर देने की घोषणा की थी।

समाचार पत्र 'डॉन' के अनुसार, रावलपिंडी, कराची और लाहौर की अदालत ने प्रदर्शन के दौरान दंगा भड़काने के लिए कम से कम 185 लोगों को शनिवार को रिमांड पर भेज दिया।

पाकिस्तान में शुक्रवार को प्रदर्शन के दौरान भड़के दंगे के कारण कराची और पेशावर में 23 लोगों की जान चली गई, जबकि 200 से अधिक घायल हो गए।

अमेरिका में निर्मित इस्लाम विरोधी फिल्म और एक फ्रेंच पत्रिका में चित्रित कार्टून के खिलाफ मुस्लिम देशों में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच सीएनएन से बातचीत करते हुए मिस्र के सदर मुफ्ती अली गोम्मा ने यह अपील की।

मुफ्ती ने कहा, "ये कार्टून घृणा फैलाते हैं, और हम शांति का आह्वान करते हैं।" उन्होंने जोर देकर कहा कि लड़ाई-झगड़ा, किसी समस्या का समाधान नहीं है। उन्होंने कहा, "हम एकसाथ रहते हैं और हमें अपने पड़ोसियों का हर हाल में आदर करना चाहिए।"

ज्ञात हो कि 'इनोसेंस ऑफ मुस्लिम्स' नामक फिल्म का 14 मिनट का एक अंश पिछले जून में ही यूट्यूब पर पोस्ट किया गया था। लेकिन आठ सितम्बर तक इसकी तरफ किसी का ध्यान नहीं गया था।

उसके बाद मिस्र में एक टेलीविजन नेटवर्क द्वारा फिल्म के इस अंश का प्रसारण किए जाने के बाद मिस्र, लीबिया, ट्यूनीशिया, सूडान और अन्य मुस्लिम बहुल देशों में विरोध प्रदर्शन भड़क उठा।

उधर, लादेन पर बन रही दो फिल्मों की शूटिंग पूरी हो गई है और इनका प्रदर्शन क्रिसमस से पहले प्रस्तावित है जबकि तीसरी फिल्म की शूटिंग चल रही है।

समाचार पत्र 'डेली एक्सप्रेस' के अनुसार लीबिया के शहर बेंगाझी में अमेरिकी राजदूत के मारे जाने एवं इस्लामिक देशों में प्रदर्शन के बाद इन फिल्मों पर विचार किया जा रहा है।

एक स्टूडियो ने तो अपनी फिल्म को किसी भी विवाद से बचाने के लिए मौलवी की शरण ली है। एक अन्य स्टूडियो के अधिकारी तो अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं।

फिल्मकारों को चिंता इस बात की है कि कहीं कट्टरपंथी उनकी फिल्मों को निशाना न बना दें।

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