फास्ट फूड, केक और रिफाइंड मांस के सेवन से डिप्रेशन का खतरा तेजी से बढ़ सकता है. एक अध्ययन में यह बात सामने आई है. ब्रिटेन की मैनचेस्टर मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी के अनुंधानकर्ताओं ने पाया है कि जलन पैदा करने वाले आहार जिनमें कोलेस्ट्रोल, वसा और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा ज्यादा होती है, उनके सेवन से डिप्रेशन का खतरा 40 प्रतिशत तक बढ़ सकता है.
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एक टीम ने अवसाद और जलन पैदा करने वाले आहारों के बीच संबंध पर आधारित 11 अध्ययनों के आंकड़ों का विश्लेषण किया है. यह विश्लेषण अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और मध्य पूर्व में फैले 16 से 72 आयुवर्ग के अलग अलग नस्ल के एक लाख लोगों पर किया गया है.
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सभी अध्ययनों के दौरान प्रतिभागियों में डिप्रेशन और डिप्रेशन के लक्षण पाए गए हैं. सभी अध्ययनों में जलन पैदा करने वाला आहार लेने वालों में डिप्रेशन और इसके लक्षण का खतरा करीब डेढ़ गुणा ज्यादा पाया गया.
पत्रिका क्लीनीकल न्यूट्रीशन में छपे अध्ययन के नतीजों में साफ है कि सभी आयु वर्ग और लिंग के लोगों के बीच डिप्रेशन का खतरा है. मैनचेस्टर मेट्रोपोलिटन यूनिवर्सिटी के स्टीव ब्रेडबर्न ने कहा, "इस अध्ययन से डिप्रेशन और अन्य रोगों जैसे अल्जाइमर के उपचार में मदद मिल सकती है."
उन्होंने कहा, "उपचार की जगह अपने आहार में बदलाव करके इस खतरे से बचा जा सकता है."
इनपुट - आईएएनएस
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