ब्रिटेन में किसान आंदोलन पर चर्चा: मंत्री बोले- किसानों का मुद्दा पूरी तरह से भारत का मामला

इस हफ्ते की शुरुआत में इस मुद्दे पर ब्रिटेन की संसदीय समिति के एक कक्ष में एक चर्चा आयोजित की गई थी, जिसकी भारत ने किसी अन्य लोकतांत्रिक देश की राजनीति में ‘‘पूर्ण हस्तक्षेप बताकर निंदा की थी.’’

ब्रिटेन में किसान आंदोलन पर चर्चा: मंत्री बोले- किसानों का मुद्दा पूरी तरह से भारत का मामला

भारत ने लोकतंत्र के रूप में विरोध प्रदर्शन के अधिकार की गारंटी दी :ब्रिटेन (फाइल फोटो)

खास बातें

  • भारत ने पूरी तरह से विरोध के अधिकार की गारंटी दी: ब्रिटेन
  • 'विरोध प्रदर्शन का यह मामला पूरी तरह से भारत सरकार का मामला'
  • भारत ने की थी चर्चा की निंदा
लंदन:

ब्रिटेन के मंत्री लॉर्ड तारिक अहमद ने अपनी नई दिल्ली यात्रा से पहले शुक्रवार को कहा कि भारत ने एक लोकतंत्र के रूप में विरोध प्रदर्शन के अधिकार की गारंटी दी है और कृषि सुधारों को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन (Farmers Protest) एक ऐसा मुद्दा है जो पूरी तरह से भारत सरकार का मामला है. 

गौरतलब है कि इस हफ्ते की शुरुआत में इस मुद्दे पर ब्रिटेन की संसदीय समिति के एक कक्ष में एक चर्चा आयोजित की गई थी, जिसकी भारत ने किसी अन्य लोकतांत्रिक देश की राजनीति में ‘‘पूर्ण हस्तक्षेप बताकर निंदा की थी.'' यहां तक ​​कि उस बैठक को लेकर मुलाकात करने के लिए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस को बुलाया था. 

ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) में भारतीय मामलों के राज्य मंत्री लॉर्ड अहमद सोमवार को अपनी पांच दिवसीय भारत यात्रा शुरू करेंगे. 

उन्होंने अपनी यात्रा से पहले यहां संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा, “यह एक बहुत ही सौहार्दपूर्ण बैठक थी. यह पहली बार है जब वे विरोध के मुद्दे पर औपचारिक रूप से बैठक कर रहे थे और इस पर चर्चा की. भारत ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है, हमने यह बात भी दोहराई है कि बहस की संसदीय प्रणाली और हमारे संसदीय लोकतंत्र की प्रकृति ऐसी हो कि सरकार की स्थिति को भी स्पष्ट रूप से रखा जा सके.”

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उन्होंने कहा, “विरोध प्रदर्शन कई महीनों से हो रहे हैं और लोकतंत्र के रूप में भारत ने पूरी तरह से विरोध के अधिकार की गारंटी दी है और इसे सुरक्षित किया है, जिसे हम पूरी तरह से स्वीकार करते हैं. मैं पूरी तरह से स्पष्ट करता हूं कि विरोध प्रदर्शन का यह मामला पूरी तरह से भारत सरकार का मामला है.”

इस यात्रा को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के आगामी दौरे के लिए कार्यक्रमों को अंतिम रूप देने के रूप में देखा जा रहा है, जो जून में कॉर्नवाल में जी7 शिखर सम्मेलन से पहले भारत का दौरा करने वाले हैं. 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)