
प्रतीकात्मक फोटो
सोशल मीडिया क्षेत्र की दिग्गज कंपनी फेसबुक का अनुमान है कि रूस के समर्थन वाली आपत्तिजनक सामग्री 2016 के अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान या उसके बाद 12.6 करोड़ अमेरिकियों के पास पहुंची है. यह अमेरिका की आबादी का एक-तिहाई बैठता है. ट्विटर और गूगल जिनके पास अन्य लोकप्रिय सोशल मीडिया मंच हैं, उन्हें भी कुछ इसी तरह के अनुभव से गुजरना पड़ा. रूस के समर्थन वाले समूहों ने उनमें सेंध लगाकर अमेरिकी चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया.
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अमेरिका ने रूस पर 2016 के राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने का आरोप लगाया है. इस चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को जीत मिली थी. इन तीनों कंपनियों के शीर्ष अधिकारी इस सप्ताह सीनेटकी न्यायिक समिति के समक्ष पेश होंगे. समझा जाता है कि ये अधिकारी सांसदों को बताएंगे कि पूर्व की तुलना में अमेरिकी सोशल मीडिया का दखल काफी बढ़ा है.
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वॉल स्ट्रीट जर्नल और अन्य अमेरिकी मीडिया के अनुसार फेसबुक अमेरिकी संसद को बताएगी कि 12.6 करोड़ की अमेरिकी आबादी के पास ऐसी पोस्ट, स्टोरी या अन्य सामग्री पहुंची थी, जो रूसी सूत्रों के माध्यम से डाली गई थीं.
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वॉल स्ट्रीट जर्नल और अन्य अमेरिकी मीडिया के अनुसार फेसबुक अमेरिकी संसद को बताएगी कि 12.6 करोड़ की अमेरिकी आबादी के पास ऐसी पोस्ट, स्टोरी या अन्य सामग्री पहुंची थी, जो रूसी सूत्रों के माध्यम से डाली गई थीं.
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