सिक्किम सेक्टर के डोकलाम इलाके में भारतीय एवं चीनी सैनिकों के बीच जारी गतिरोध के बीच अमेरिका की एक पूर्व राजनयिक ने कहा है कि चीन को यह मान लेना चाहिए कि भारत ‘‘एक ऐसी शक्ति है, जिसके साथ तालमेल बैठाना जरूरी है’’ और बीजिंग के व्यवहार के कारण क्षेत्र के देश प्रभावित हो रहे हैं.
पूर्व सहायक विदेश मंत्री (दक्षिण एवं मध्य एशिया) रह चुकीं भारतीय मूल की अमेरिकी निशा देसाई बिस्वाल ने साक्षात्कार में कहा, ‘‘मुझे लगता है कि चीन को यह मान लेना चाहिए कि एशिया में रणनीतिक एवं सुरक्षात्मक क्षमता बढ़ रही है और निश्चित तौर पर भारत एक ऐसी शक्ति है, जिसके साथ तालमेल बैठाना जरूरी है.’’
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बिस्वाल ओबामा प्रशासन के दूसरे कार्यकाल में दक्षिण एवं मध्य एशिया के लिए एक अहम व्यक्ति रही हैं. उन्होंने कहा कि चीन की ओर से विभिन्न सीमावर्ती बिंदुओं पर- समुद्र में एवं जमीन दोनों पर आक्रामक हरकतें की जा रही हैं एवं ऐसे संकेत भेजे जा रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं चीन की भावनाएं समझती हूं और मुझे लगता है कि वह खुद को एशिया-प्रशांत क्षेत्र में एक प्रभावशाली देश के तौर पर पेश करने की कोशिश में है. मेरा मानना है कि चीन को यह बात मान लेनी चाहिए कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में देश उसके बर्ताव के कारण और उसके एकपक्षीय व्यवहार के कारण अस्थिरता का सामना कर रहे हैं.’’ उन्होंने यकीन जताया कि दोनों देशों के नेता इस स्थिति को और अधिक बिगड़ने से रोकने में कामयाब रहेंगे.
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